New Parliament House: नए संसद भवन के उद्घाटन पर एकजुट हुआ विपक्ष, 19 पार्टियों ने किया बहिष्कार का ऐलान

New Parliament House: कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए।

Update: 2023-05-24 16:17 GMT

New Parliament House: कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। विपक्ष ने उद्घाटन की तारीख वीर सावरकर की जयंती के दिन होने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे।

19 पार्टियों ने किया बहिष्कार का ऐलान

कांग्रेस समेत 19 राजनीतिक पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। इन पार्टियों में समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (NCP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), आम आदमी पार्टी (AAP) और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) शामिल हैं। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस (TMC), इंडियन मुस्लिम लीग, जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के सांसद भी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे।

विपक्षने जारी किया संयुक्त बयान

कांग्रेस के नेतृत्व में इन 19 विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार करने को लेकर एक संयुक्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, "नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करना न केवल महामहिम का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला भी है। जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से निष्कासित कर दिया गया है तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता।"

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों का एक प्रतिष्ठान है, यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है।' उन्होंने आगे लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी को यह समझ नहीं आ रहा है। उनके लिए नए भवन का उद्घाटन मैं, मेरे और खुद के बारे में है। (कार्यक्रम के लिए) हमारी गिनती नहीं करें।'

बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के साथ सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। RJD सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के मान और संवैधानिक व्यवस्था और परंपरा की अनदेखी को देखते हुए RJD ने विपक्ष की अधिकांश पार्टियों के साथ नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं बनने का निर्णय लिया है।

अध्यादेश को लेकर पहले ही केंद्र सरकार पर हमलावर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी नए संसद संसद भवन के उदघाटन समारोह का बहिष्कार किया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, 'उद्घाटन में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू जी को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है। यह भारत के दलित, आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। मोदी जी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नही करने के विरोध में AAP उदघाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी।'

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर राष्ट्रपति की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'जब नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई थी, तब भी प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति को नजरअंदाज किया था और अब उद्घाटन में भी ऐसा हो रहा है। यह अस्वीकार्य है।' उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति दोनों सदन के साथ संसद के हिस्सा होते हैं।

ANI के मुताबिक, 28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को निमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, दिल्ली और पुडुचेरी, के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा के पूर्व अध्यक्षों को भी समारोह में बुलाया गया है। नए संसद भवन के मुख्य वास्तुकार बिमल पटेल को भी उद्घाटन समारोह के लिए खास न्योता भेजा गया है।

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