Nepal Gen Z Protests: प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को लगाई आग, नेपाल के PM ने दिया इस्तीफा, देश छोड़कर भागे नेता

Nepal Gen Z Protests: नेपाल में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन गुस्से में सड़कों पर उतरे युवा प्रदर्शनकारियों का गुस्सा थमता नजर नहीं आ रहा है।

Update: 2025-09-09 10:51 GMT

Nepal Gen Z Protests: नेपाल में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन गुस्से में सड़कों पर उतरे युवा प्रदर्शनकारियों का गुस्सा थमता नजर नहीं आ रहा है। राजधानी काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में लगाए गए कर्फ्यू को धता बताते हुए भीड़ ने कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया।

नेताओं के घरों पर हमले

सबसे बड़ा हमला राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर हुआ, जहां प्रदर्शनकारी जबरन घुस गए और तोड़फोड़ की। प्रधानमंत्री ओली के बालकोट स्थित आवास पर भी आगजनी की गई, जबकि उनके आधिकारिक निवास बालुवतार में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के ललितपुर स्थित घर में भी तोड़फोड़ की और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के काठमांडू स्थित आवास को आग के हवाले कर दिया गया।

संसद भवन में आग

स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ ने काठमांडू में संसद भवन में आग लगा दी। जगह-जगह "केपी चोर, देश छोड़" और "भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई करो" जैसे नारे लगने लगे। यह आंदोलन ‘Gen Z Protest’ के बैनर तले चल रहा है, जिसमें ज्यादातर छात्र और बेरोजगार युवा शामिल हैं।
नौजवानो का गुस्सा सोमवार को तब और बढ़ गया जब सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। पुलिस द्वारा भीड़ पर की गई कार्रवाई में 19 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए। इसके बाद गुस्सा और भड़क गया।

जनता के दबाव के बाद पहले गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दिया था। लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि केवल गृह मंत्री नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री ओली को भी पद छोड़ना होगा। आखिरकार मंगलवार को ओली ने इस्तीफा दे दिया।
नेपाल के प्रमुख न्यूज पोर्टल्स ने पुलिस कार्रवाई को "काला दिन" करार दिया। उकेरा डॉट कॉम ने लिखा कि यह नेपाल के इतिहास में एक दिन में सबसे ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत का दिन है। वहीं, रातोपाटी ने सरकार पर युवाओं के खिलाफ "अंधाधुंध गोलीबारी" का आरोप लगाते हुए इसे कायराना कार्रवाई बताया।
यह आंदोलन महज राजनीतिक नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, बेरोजगारी और सामाजिक भेदभाव से जन्मे असंतोष का विस्फोट है। नेपाल के युवाओं ने पहली बार इतनी संगठित और उग्र तरीके से व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोला है।
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