नेपाल में गृहयुद्ध जैसे हालात: आग और हिंसा के बीच फंसे भारत के लोग, महिला ने Video मैसेज कर सरकार से लगाई मदद की गुहार

नेपाल में स्थिति बिगड़ने पर भारत ने अपने नागरिकों को सलाह दी कि वे हालात शांत होने तक वहां की यात्रा स्थगित करने को कहा। विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में कहा, 'नेपाल में बन रहे हालात को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे स्थिति शांत होने तक वहां की यात्रा स्थगित कर दें।'

Update: 2025-09-10 12:22 GMT

(NPG file photo)

नई दिल्ली। नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब एक भयावह रूप ले चुका है। पिछले तीन दिनों से जारी इस हिंसक प्रदर्शन ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। हिंसक भीड़ को रोकने के लिए मंगलवार रात 10 बजे सेना को कमान संभालनी पड़ी, लेकिन फिर भी कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ जारी है। इस हिंसा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से ज़्यादा लोग घायल हैं। इन गंभीर हालात के बीच, कई भारतीय नागरिक भी फंस गए हैं, जिनमें से एक महिला ने वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई है।

लोकतंत्र की आग में जल रहा नेपाल

यह विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र की बहाली और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन अब यह एक खूनी संघर्ष में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों ने हर तरफ आग लगा दी है। हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट तक को आग के हवाले कर दिया गया। इस आगजनी में 25,000 से ज्यादा केस फाइलें जलकर राख हो गईं, जिससे न्याय व्यवस्था पर भी गंभीर संकट आ गया है।

सबसे चौंकाने वाली घटना CPN अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की बेटी गंगा दहल के जले हुए घर से एक शव का बरामद होना है। ललितपुर के SSP श्याम कृष्ण अधिकारी ने बताया कि शव ढोलाहिटी में स्थित गंगा के आवास से मिला, हालांकि उसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। यह घटना दर्शाती है कि हिंसा किस हद तक पहुंच चुकी है और राजनीतिक हस्तियों के परिवार भी सुरक्षित नहीं हैं। सेना ने 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन हिंसक भीड़ पर काबू पाना अभी भी मुश्किल लग रहा है।

'डंडे लेकर मेरे पीछे दौड़े, किसी तरह जान बचाई'- भारतीय महिला

नेपाल के इन हिंसक हालात में कई भारतीय भी फंस गए हैं, जिनमें से एक भारतीय महिला उपासना गिल की आपबीती दिल दहला देने वाली है। दिल्ली की रहने वाली उपासना अपनी टीम के साथ नेपाल की वॉलीबॉल लीग को होस्ट करने के लिए पोखरा गई थीं। इसी दौरान हिंसा भड़क उठी और उनके होटल को भी आग लगा दी गई।

उपासना ने एक वीडियो मैसेज में बताया कि, जिस वक्त उनके होटल को आग लगाई गई, वो स्पा में थीं। उन्होंने कहा कि, 'लोग बड़े-बड़े डंडे लेकर मेरे पीछे दौड़ रहे थे। मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर भागी। मेरा सारा सामान कमरे में ही रह गया और पूरा होटल जल गया।' उपासना ने बताया कि प्रदर्शनकारी पर्यटकों को भी नहीं छोड़ रहे हैं और बिना सोचे-समझे हर जगह आग लगा रहे हैं। उन्होंने भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई है। आशंका जताई जा रही है कि सिर्फ केरल से ही 40 से ज़्यादा लोग नेपाल में फंसे हो सकते हैं।

भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी

नेपाल में गहराते राजनीतिक संकट को देखते हुए भारत सरकार ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नेपाल के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है और उम्मीद है कि शांतिपूर्ण तरीके से इसका समाधान हो जाएगा। मंत्रालय ने नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों से स्थिति को देखते हुए सावधानी बरतने की अपील की है।

उपासना गिल का वीडियो सामने आने के बाद हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने तुरंत हरकत में आते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा। उन्होंने तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाने की मांग की और कहा कि, पोखरा के अलावा भी कई जगहों पर हरियाणा के नागरिक फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालना बहुत जरूरी है।

महिला आयोग ने अपने पत्र में कही ये चार प्रमुख बात:

फंसी हुई महिलाओं को तुरंत मदद: आयोग ने पत्र में कहा कि, उन्हें एक वीडियो मिला है, जिसमें एक भारतीय महिला और हरियाणवी महिलाएं बड़ी संख्या में फंसी हुई हैं और सुरक्षित नहीं निकल पा रही हैं।

बिगड़ी कानून-व्यवस्था: रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है और आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध हैं।

विदेश मंत्रालय से समन्वय: आयोग ने गृह मंत्रालय से विदेश मंत्रालय और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है ताकि फंसे हुए नागरिकों की पहचान कर उन्हें राहत दी जा सके।

महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा प्राथमिकता: आयोग ने बचाव अभियान में महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की है।


देखें पत्र


आपको बता दें कि, नेपाल में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं। सेना के हाथ में कमान आने के बाद भी हिंसा का रुकना मुश्किल लग रहा है। राजनीतिक अस्थिरता, बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बढ़ते हताहतों की संख्या ने इस देश के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है। वहीं, भारत सरकार लगातार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी है, लेकिन अब यह देखना होगा कि, नेपाल में फंसे भारत के लोगों को कब तक सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।

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