Modi government's tax policy: मोदी सरकार की कर नीति, करदाताओं की संख्या में वृद्धि और मध्यम वर्ग को राहत
Modi government's tax policy: मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल में आयकर दायरे में तेजी से वृद्धि हुई है। इस दौरान कर चुकाने वालों की संख्या में 120% की वृद्धि दर्ज की गई है। 2014 में जहाँ 3.6 करोड़ आयकर रिटर्न भरे गए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 7.9 करोड़ तक पहुँच गई है।
Modi government's tax policy: मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल में आयकर दायरे में तेजी से वृद्धि हुई है। इस दौरान कर चुकाने वालों की संख्या में 120% की वृद्धि दर्ज की गई है। 2014 में जहाँ 3.6 करोड़ आयकर रिटर्न भरे गए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 7.9 करोड़ तक पहुँच गई है। खास बात यह है कि 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों में सबसे तेज वृद्धि हुई है, जो कि कर चोरी और काले धन पर सरकार की सख्ती को दर्शाती है।
50 लाख रुपये से अधिक आय वालों पर सरकार का फोकस
सरकार के कड़े कदमों के कारण 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा दाखिल की जाने वाली रिटर्न की संख्या में 5 गुना वृद्धि हुई है। 2014 में 1.85 लाख लोग इस श्रेणी में आते थे, जो 2024 में बढ़कर 9.39 लाख हो गए। इस वर्ग से मिलने वाले कुल कर में 3.2 गुना का इजाफा हुआ है, जिससे मध्यम वर्ग पर कर का भार घटा है।
मध्यम वर्ग के लिए कर छूट में राहत
2014 में 2 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट थी, लेकिन अब 2024 में यह सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। इसके चलते लगभग 4.9 करोड़ रिटर्न शून्य कर भुगतान वाली हैं। इससे कर छूट का लाभ उठाने वालों की संख्या में 2.7 गुना वृद्धि हुई है। इसके अलावा, 10 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं से 2014 में 10.17% कर वसूला जाता था, जो अब घटकर 6.22% हो गया है।
मध्यम वर्ग के कर भार में कमी
मोदी सरकार में 2.5 लाख से 7 लाख रुपये तक की आय वालों को आयकर से पूर्ण छूट मिल गई है। इसके साथ ही 7 से 10 लाख रुपये की आय वालों को औसतन 43,000 रुपये का ही कर देना पड़ता है। 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय वालों पर भी कर दरों में 70% की कमी हुई है।
मुख्य आंकड़े
- 10 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं से वसूला गया कर: 2014 में 10.17%, 2024 में घटकर 6.22%
- 10 से 20 लाख रुपये की आय पर कर भार में कमी: 70% तक
- 20 लाख से कम आय वालों पर कर भार में कमी: मध्यम वर्ग को राहत देने की दिशा में बड़ा कदम
- 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा रिटर्न संख्या में वृद्धि: 5 गुना से अधिक
इस प्रकार, मोदी सरकार के तहत मध्यम वर्ग के लिए कर में राहत देने के कई उपाय किए गए हैं, जिससे कर का दायरा तो बढ़ा है, परंतु मध्यम वर्ग को भी लाभ मिला है।