Manipur Violence News: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा की आग, मुठभेड़ में 2 जवान शहीद, BSF के जवान भी घायल

Manipur Violence News: महीनों से जारी मणिपुर (Manipur)की हिंसा ने बुधवार को दो और लोगों (people)की जान ले ली। मणिपुर के तेंगनोपल (Tengnopal)जिले के मोरेह में राज्य सुरक्षा बलों (state security forces)और उग्रवादियों (militants)के बीच बुधवार को भाषण मुठभेड़ हुई।

Update: 2024-01-19 06:42 GMT

Manipur Violence News: महीनों से जारी मणिपुर (Manipur)की हिंसा ने बुधवार को दो और लोगों (people)की जान ले ली। मणिपुर के तेंगनोपल (Tengnopal)जिले के मोरेह में राज्य सुरक्षा बलों (state security forces)और उग्रवादियों (militants)के बीच बुधवार को भाषण मुठभेड़ हुई। इस दौरान शाम में एक और सुरक्षाकर्मी की गोली लगने से मौत के बाद मृतकों की संख्या दो हो गई। इस मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए है। अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान इंफाल पश्चिम जिले के लमशांग के तखेल्लंबम सेलेशवोर के रूप में की गई है। इससे पहले, दिन में इमा कोंडोंग लैरेम्बी देवी मंदिर के पास घात लगाकर किए गए हमले के दौरान, मणिपुर पुलिस के 32 वर्षीय जवान वांगखेम समरजीत की गोली लगने से मौत हो गई। असम राइफल्स की लोकेशन प्वाइंट (केएलपी) में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में मणिपुर पुलिस के तीन और जवान घायल हो गए। उग्रवादियों ने अस्थायी कमांडो पोस्ट पर आरपीजी गोले भी दागे, जिससे आसपास खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

इसके अलावा, मणिपुर के थौबल में बीएसएफ के 3 जवान गोली लगने से घायल हुए हैं। कांस्टेबल गौरव कुमार, एएसआई रामजी और एएसआई सोबराम सिंह घायल हुए हैं। सभी को इंफाल स्थित राज मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना बुधवार देर रात हुई। आतंकवादियों ने थौबल में 3 आईआरबी बटालियन मुख्यालय और एसपी कार्यालय पर अचानक हमला कर दिया। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को मोरेह और थौबल में हुए हमलों में कुल हताहतों की संख्या दो हो गई है। वहीं 6 मणिपुर पुलिस और आईआरबी कर्मी घायल व 3 बीएसएफ जवान घायल हुए हैं।

इस बीच, मोरेह में पुलिसकर्मियों की हत्या के विरोध में इंफाल पश्चिम जिले के मालोम से बड़ी संख्या में महिलाओं ने हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क को ब्लॉक कर दिया। समरजीत की हत्या के संबंध में गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के प्रवक्ता एल प्रेमचंद ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘सुरक्षाकर्मी के शव को परिवार के सदस्य तब तक स्वीकार नहीं करेंगे जब तक कि दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता और उन्हें न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता।’’

शोक मनाते हुए पारंपरिक पोशाक पहनकर महिलाएं मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़क के बीच में बैठ गईं। एक अन्य घटनाक्रम में, इंफाल के मुख्य बाजार ख्वायरमबंद कीथेल से बड़ी संख्या में ‘मीरा पैबीस’ (महिलाओं का समूह) ने मोरेह में सुरक्षा बलों की तैनाती को मजबूत करने की मांग करते हुए एक रैली निकाली। उन्होंने मुख्यमंत्री के बंगले की ओर मार्च किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

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