Land For Job Scam: ईडी के सामने पेश नहीं होंगे तेजस्वी यादव, दूसरी समन जारी होने के बाद अब इस वजह से किया इनकार

Land For Job Scam: Tejashwi Yadav will not appear before ED, now refuses for this reason after issuing second summons

Update: 2024-01-04 10:54 GMT

Land For Job Scam: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. तेजस्वी यादव को ईडी ने दूसरी बार समन भेज कर बुलाया था लेकिन तेजस्वी ने एक बार फिर जाने से इनकार कर दिया है. तेजस्वी कल ईडी के समक्ष पेश नहीं होंगे. वहीं डिप्टी सीएम की ईडी के समझ पेश ना होने की वजह उनकी पहले से तय कार्यक्रम को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि, तेजस्वी यादव पहले से निर्धारित कार्यक्रम में जुटे हैं जिसके कारण वह ईडी के समझ पेश नहीं होंगे.

दरअसल लैंड फॉर जॉब (land for job) मामले में ED ने तेजस्वी को 5 दिसंबर को पूछताछ के लिए दिल्ली के ईडी कार्यालय में बुलाया था. लेकिन, RJD सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार भी तेजस्वी यादव ED के समक्ष पेश नहीं होंगे.

बता दें, तेजस्वी यादव को इससे पहले भी तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर और 27 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित मुख्यालय में बुलाया गया था. लेकिन, लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों की ईडी के समन भेजने के बाद भी दिल्ली नहीं गए थे. इसके बाद ईडी ने तेजस्वी यादव को फिर से 5 जनवरी को ईडी के दिल्ली कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था.

दरअसल जांच एजेंसी ईडी जमीन के बदले नौकरी देने के फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इन दोनों आरोपियों से पूछताछ करना चाहती है. हालांकि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव सहित लालू परिवार के कई सदस्यों से पहले भी जांच एजेंसी के द्वारा पूछताछ की जा चुकी है. लेकिन, पिछले कुछ दिनों पहले कुछ ऐसे आरोपियों का बयान दर्ज हुआ है जो लालू परिवार के बेहद करीबी हैं और उसके द्वारा दर्ज बयान के आधार पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से ईडी की टीम विस्तार से पूछताछ करना चाहती है.

जांच एजेंसी ईडी की दिल्ली जोन के तफ्तीश कर्ताओं के द्वारा 11 नवंबर को अमित कत्याल नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के सूत्र के अनुसार इसका बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव उनके पुत्र तेजस्वी यादव जो मौजूदा वक्त में बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री भी हैं उनके साथ आरोपी का बहुत ही करीबी संबंध है. लेकिन घोटाले से जुड़े मामले की अगर बात करें तो जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में ईडी की तफ्तीश के दौरान रियल स्टेट कारोबारी अमित कत्याल और मेसर्स ए.के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (M/s AK Infosystem Pvt.Ltd ), मेसर्स आइसबर्ग होटल और रिजॉर्ट लिमिटेड नाम की कंपनी का नाम सामने आया था.

लिहाजा जब उससे जुड़े इस मामले की तफ्तीश का दायरा जब आगे बढ़ाया गया तो उसका राजनीतिक हस्तियों और उससे जुड़े अन्य लोगों के साथ संदिग्ध लेनदेन और प्रॉपर्टी के लेनदेन का कनेक्शन सामने आया, जिसके बाद उसकी विस्तार से जांच पड़ताल करने और उसके बारे में पूछताछ करने के लिए अमित कत्याल को पूछताछ का समन भेजा गया. लेकिन, वो उस समन को दरकिनार करने लगा और पिछले दो महीने से लगातार समन मिलने के बावजूद वो जांच एजेंसी के सामने नहीं आ रहा था. लिहाजा इस मामले में जांच एजेंसी के द्वारा कार्रवाई को अंजाम देते हुए अमित कात्याल को गिरफ्तार किया गया था उसके बाद उससे कई दिनों तक पूछताछ की गई और उसका बयान लिखित तौर पर दर्ज किया गया था.

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