Ladakh Army News: 9 महीने बाद मिले सैनिकों के शव, लद्दाख की बर्फीली खाई में दबे थे, जानें पूरी घटना
Ladakh Army News: आज से करीब 9 महीने से पहले लद्दाख के माउंट कुन पर हिमस्खलन हुआ था. जिसमे भारतीय सैनिक के कई जवान फंस गए थे. हादसे में एक जवान का शव् मिला था. जबकि तीन जवान लापता हो गए थे.
Ladakh Army News: आज से करीब 9 महीने से पहले लद्दाख के माउंट कुन पर हिमस्खलन हुआ था. जिसमे भारतीय सैनिक के कई जवान फंस गए थे. हादसे में एक जवान का शव् मिला था. जबकि तीन जवान लापता हो गए थे. घटना के 9 महीने बाद तीनों जवानों का शव बरामद कर लिया गया है.
अक्टूबर 2023 में हुआ था हिमस्खलन
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल जुलाई माह में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) का 38 सेनाओं का एक टीम लद्दाख में माउंट कुन पहुंचने के लिए निकला था. माउंट कुन का अभियान1 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था. 8 अक्टूबर 2023 में फरियाबाद ग्लेशियर पर कैंप 2 और कैंप 3 के बीच 18,300 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बर्फ की दीवार पर रस्सी लगाते समय अचानक हिमस्खलन हो गया था.
तीन जवान थे लापता
हिमस्खलन में 38 जवान फंस गए थे. जिसके बाद सेनाओं द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. जिसमे कई सैनिकों को बचा लिया गया था. जबकि एक जवान लांस नायक स्टैनजिन टार्गैस का शव मिला था. इस हादसे में सेना के तीन जवान हवलदार रोहित कुमार, हवलदार ठाकुर बहादुर आले और नायक गौतम राजवंशी लापता हो गए थे.
बर्फ की परतों के नीचे दबे थे शव
इन सैनिकों को माउंट कुन पर से वापस लाने के लिए 18 जून 2024 को हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर एसएस शेखावत के नेतृत्व में ऑपरेशन चलाया गया. इस ऑपरेशन में रोज 10-12 घंटों तक खुदाई करनी पडती थी. लगातार 9 दिन तक खुदाई करते हुए टीम 18,700 फीट तक पहुंची गई. जिसके बाद तीनो जवानों के शव बरामद कर लिए गए. तीनों जवानों के शव बर्फ की परतों के नीचे दबे थे.
कठिन था ऑपरेशन
ब्रिगेडियर एसएस शेखावत ने बताया कि शहीद जवान के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. ब्रिगेडियर एसएस शेखावत का कहना है ये उनका यह मिशन शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण था. ये उनके जीवन का सबसे मुश्किल मिशन रहा है. हालाँकि भारी कठिनाइयों के बावजूद सफलता मिल गयी.