Kathua Terror Attack: कठुआ में आतंकियों ने घात लगाकर सेना पर बरसाई गोलियां, JCO सहित 5 जवान शहीद

Kathua Terror Attack: जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं।

Update: 2024-07-09 05:49 GMT

Kathua Terror Attack: जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं। आतंकियों की तलाश में व्यापक सर्च अभियान चलाया जा रहा है। यहां चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। अभियान में हेलिकॉप्टर, ड्रोन का भी सहारा लिया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने सेना के वाहन को एक ग्रेनेड से निशाना बनाया और उस पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार में बदनोता गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर सेना का वाहन नियमित गश्त पर था।

सेना के वाहन पर 10 जवान सवार थे, 5 शहीद

सेना के वाहन पर 10 जवान सवार थे, जो हमले की जद में आ गए। हमले में पांच जवान शहीद हो गए और बाकी पांच घायल जवानों को उपचार के लिए पठानकोट सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। घात लगाकर किए गए हमले के बाद आतंकवादी नजदीक के जंगल में भाग गए। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों के सहयोग से सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है। आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई और हमलावरों को मार गिराने के लिए क्षेत्र में तुरंत अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए। माना जाता है कि आतंकियों की संख्या तीन है और वे हथियारों से लैस हैं और वे हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ कर आए थे।

कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली

पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। कठुआ जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरा बड़ा हमला है। सोमवार के हमले से पहले 12 और 13 जून को इसी तरह की एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये थे और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान की जान चली गई थी। अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के बावजूद व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से लगे घने वन क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं, जहां पूर्व में कई मुठभेड़ हुई हैं।

यह वन क्षेत्र उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से लगा हुआ है। बसंतगढ़ के पनारा गांव में 28 अप्रैल को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में ग्राम रक्षा प्रहरी मोहम्मद शरीफ की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी आशंका है कि सीमा पार से घुसपैठ करने के बाद आतंकवादियों ने भीतरी इलाकों तक पहुंचने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल किया था। जम्मू क्षेत्र, जो अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है, हाल के महीनों में आतंकवादियों द्वारा किए गए लगतार हमलों से दहल गया है। ये हमले सीमावर्ती जिले पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी में हुए हैं। आतंकी गतिविधियों में हालिया वृद्धि उनके पाकिस्तानी आकाओं द्वारा आतंकवाद को फिर से बढ़ावा देने के प्रयासों का नतीजा है।

हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर

डोडा जिले के गंदोह इलाके में हाल ही में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, जहां 26 जून को मुठभेड़ में तीन विदेशी आतंकवादी मारे गए थे। गोलीबारी की घटना में राजौरी जिले के मंजकोट इलाके में सेना के एक शिविर को निशाना बनाया गया, जिसमें एक सैनिक घायल हो गया था। सबसे दुखद घटनाओं में से एक नौ जून को हुई, जब आतंकवादियों ने रियासी जिले के शिव खोड़ी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ला रही एक बस पर हमला किया, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई और 41 घायल हुए। ये घटनाएं क्षेत्र में बढ़ती हिंसा की उस प्रवृत्ति को रेखांकित करती है, जिसमें सुरक्षा बलों के वाहनों, खोज दलों और सैन्य काफिलों पर हमलों में नागरिक और सुरक्षाकर्मी दोनों हताहत हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद ने कठुआ जिले में सेना के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। अब्दुल्ला ने कहा, कठुआ से भयानक खबर। यह बहुत बुरा दिन है जब आप ड्यूटी के दौरान बहादुर सैन्यकर्मियों को खो देते हैं। मैं इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह दुखद और चौंकाने वाला है कि सैनिक उन जगहों पर ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा रहे हैं, जहां 2019 से पहले आतंकवाद का कोई निशान नहीं था। आजाद ने एक्स पर कहा, जम्मू प्रांत में आतंकवाद में बढ़ोतरी बेहद चिंताजनक है। सरकार को आतंकवाद से निपटने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। 

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