Karnataka HC News: कर्नाटक HC ने बाइक टैक्सी बैन को बताया अवैध, कहा – "ये ज़रूरत है, लक्ज़री नहीं"

Karnataka HC News: कर्नाटक HC ने बाइक टैक्सी बैन को गैर-कानूनी बताया। कहा- ये ज़रूरत है, न कि लक्ज़री। कोर्ट ने सरकार से पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए।

Update: 2025-08-21 06:15 GMT

Karnataka HC News: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार के बाइक टैक्सी बैन पर कड़ी आपत्ति जताई। अदालत ने साफ कहा कि सरकार का यह फैसला "कानूनी रूप से अस्थिर (legally untenable)" है और इसका आधार बेहद कमजोर है।

मुख्य न्यायाधीश विभु बखरू की अगुवाई वाली पीठ ने कहा –"बाइक टैक्सी कोई लक्ज़री नहीं है, बल्कि शहरों में किफायती कनेक्टिविटी के लिए एक ज़रूरी सुविधा है।" अदालत ने यह भी नोट किया कि देश के कम से कम 13 राज्यों में बाइक टैक्सी कानूनी तौर पर संचालित हो रही हैं और इन्हें शहरी मोबिलिटी का अहम हिस्सा माना गया है।

राज्य सरकार ने दलील दी थी कि मोटर व्हीकल एक्ट बाइक टैक्सी को अनुमति नहीं देता। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि, "नियमन (regulation) की कमी किसी सर्वव्यापी बैन (blanket ban) का आधार नहीं हो सकती, जो नागरिकों के Article 19(1)(g) के तहत रोजगार के अधिकार का हनन करता हो।"

ऑपरेटर्स के लिए बड़ी राहत देते हुए अदालत ने एडवोकेट जनरल को निर्देश दिया कि बाइक टैक्सी चालकों के खिलाफ कोई दंडात्मक या दमनकारी कार्रवाई न की जाए। सरकार इस मुद्दे पर नीति निर्माण (policy framework) का फैसला "सबसे ऊँचे स्तर पर" करेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर 2025 को होगी।

हाईकोर्ट ने यह भी सवाल खड़ा किया कि क्या राज्य सरकार ने जानबूझकर अपनी परिवहन नीति से बाइक टैक्सी को बाहर रखा है। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा किया गया है तो इसके लिए मजबूत और ठोस कानूनी आधार ज़रूरी है।

बाइक टैक्सी संघ ने किया स्वागत

बाइक टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया। संगठन ने कहा, "हम सरकार के साथ मिलकर सुरक्षित, कानूनी और टिकाऊ संचालन के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

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