Kamla Beniwal Passed Away: राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल का निधन, राजस्थान सरकार में थीं पहली महिला मंत्री
Kamla Beniwal Passed Away: राजस्थान कांग्रेस की वयोवृद्ध नेता (Veteran Leader of Rajasthan Congress) एवं पूर्व राज्यपाल (Former Governor) कमला बेनीवाल (Kamla Beniwal) का बुधवार को दोपहर बाद निधन हो गया (Has Passed Away) ।
Kamla Beniwal Passed Away: राजस्थान कांग्रेस की वयोवृद्ध नेता (Veteran Leader of Rajasthan Congress) एवं पूर्व राज्यपाल (Former Governor) कमला बेनीवाल (Kamla Beniwal) का बुधवार को दोपहर बाद निधन हो गया (Has Passed Away) । वे जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं। यह खबर सुनते ही परिवार के सभी सदस्य और कांग्रेस नेता अस्पताल पहुंचे हैं। उनके निधन पर सभी लोगों ने दुख जताते हुए कहा कि राजस्थान की राजनीति में उनका अहम योगदान रहा है।
राजस्थान की सबसे वयोवृद्ध राजनेता कमला बेनीवाल पहली विधानसभा की सदस्य रहीं और सात बार विधायक चुनी गईं। वे शाहपुरा से विधायक रहीं। श्रीमती बेनीवाल सरकार में उपमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री और गुजरात की राज्यपाल रहीं थीं। यशोदा देवी के बाद कमलाजी विधानसभा में पहुंचने वाली राजस्थान की दूसरी महिला थीं। वे जून 1954 में आमेर-ए से उपचुनाव में जीतकर विधायक बनीं और उस समय मोहनलाल सुखाडिया के पहले मंत्रिमंडल में उपमंत्री बनीं।
कमला बेनीवाल की उम्र 92 साल से अधिक थीं। आयु ने शरीर को तो अपनी सीमा में बांध लिया है लेकिन ममता को नहीं बांध पाईं। उनका लंबा राजनीतिक जीवन रहा है और ऐसे में लोग स्वाभाविक रूप से उनसे मिलने, आशीर्वाद लेने आते थे। उनके बेटे आलोक बेनीवाल भी शाहपुरा से विधायक रहे हैं।
पार्टी में विभिन्न पदों पर भी रही
1977 के चुनावों के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव, राजस्थान कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य, राजस्थान महिला कांग्रेस के अध्यक्ष, राजस्थान प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य व बाद में चुनाव अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
त्रिपुरा, गुजरात व मिजोरम की रह चुकी है राज्यपाल
डॉ. कमला को 2009 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वह पूर्वोत्तर भारत के किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं। एक महीने बाद, उन्हें 27 नवंबर 2009 को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने चार साल से अधिक समय तक सेवा की। 6 जुलाई 2014 को उनका तबादला मिजोरम के राज्यपाल पद पर कर दिया गया। सिंचाई मंत्री के रूप में उन्होंने राजस्थान में लगभग 48,000 जल संचयन संयंत्रों के जिला कार्यक्रम बनाने का कार्य पूरा किया।
जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने जयपुर में एक संस्कृत विश्वविद्यालय भी स्थापित किया है। लगभग 20 वर्षों तक विभिन्न रैंकों में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ में राजस्थान इकाई के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया है। 1994 - 95 में इफको द्वारा प्रदत्त भारत का सर्वश्रेष्ठ सहकारी पुरस्कार दिया गया।