Aaj Ka Mausam: बारिश का कहर! 115 साल का रिकॉर्ड टूटा, वैष्णो देवी मार्ग पर 34 श्रद्धालुओं की मौत, देखें तबाही का मंजर

Jammu Kashmir Rain: जम्मू-कश्मीर और उत्तर भारत इन दिनों ऐसी बारिश की मार झेल रहे हैं जिसने 115 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मंगलवार से बुधवार के बीच सिर्फ़ जम्मू में ही 296 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

Update: 2025-08-28 06:05 GMT

Jammu Kashmir Rain: जम्मू-कश्मीर और उत्तर भारत में हो रही बारिश ने 115 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार से बुधवार के बीच सिर्फ़ जम्मू में ही 296 मिलीमीटर बारिश हुई है। इतनी मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त कर दिया है वहीं सबसे बड़ा दर्द वैष्णो देवी मार्ग पर आए भूस्खलन ने दिया है। अर्धकुमारी के पास हुए इस दर्दनाक हादसे में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, 28 लोग घायल हैं और कई अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन हजारों श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा पहुंचे थे। लेकिन किसे पता था कि उनके लिए यह यात्रा आखिरी साबित होगी। भारी बारिश के बीच अचानक भूस्खलन हुआ और देखते ही देखते रास्ता मौत के मलबे में बदल गया। मौके पर अफरा-तफरी मच गई और लोगों की चीख-पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा।

रियासी से कटरा तक हाहाकार

अधिकारियों के मुताबिक मृतकों में से 29 की पहचान हो चुकी है। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। कटरा अस्पताल में भर्ती आठ में से चार गंभीर हालत में हैं। एनडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार राहत-बचाव कार्य कर रही हैं। भारतीय वायुसेना का C-130 विमान भी जम्मू पहुंचा है ताकि ज़रूरत का सामान और रेस्क्यू उपकरण समय पर भेजा जा सके।

रेल और सड़क यातायात ठप

भारी बारिश और भूस्खलन का असर यातायात पर भी पड़ा है। नॉर्दर्न रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द कर दीं, जिससे श्रद्धालु और आम यात्री जगह-जगह फंस गए। कटरा-श्रीनगर रूट पर सेवाएं जारी हैं, लेकिन अन्य राज्यों से आने-जाने वाले यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाई-लेवल बैठक की और अधिकारियों को राहत कार्य तेज़ करने का आदेश दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी हालात की जानकारी दी। वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधायकों के साथ बैठक की और पीएम मोदी का धन्यवाद किया कि उन्होंने मदद सुनिश्चित करने में तत्परता दिखाई।

माना जा रहा है कि लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने नदियों और नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया। कई जगह पुल बह गए, सड़कें टूट गईं और गांव-शहर डूबने की कगार पर आ गए। यह सिर्फ़ जम्मू-कश्मीर की समस्या नहीं है, बल्कि पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड में भी हालात बाढ़ जैसे बन चुके हैं।

एनडीआरएफ और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें। जम्मू-कश्मीर में अभी भी रेड अलर्ट जारी है।

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