शादी करने पर 'गूंगे-बहरे' जोड़े का बहिष्कार, अब पूरे गांव को मिलेगी सजा
Inter Cast Marriage: अंतरजातीय विवाह करने पर एक मूक-बधिर जोड़े और नवजात का बहिष्कार करने को लेकर चित्रदुर्ग जिला प्रशासन देवराहल्ली के ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है...
Inter Cast Marriage
Inter Cast Marriage: अंतरजातीय विवाह करने पर एक मूक-बधिर जोड़े और नवजात का बहिष्कार करने को लेकर चित्रदुर्ग जिला प्रशासन देवराहल्ली के ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, महिला और उसके बच्चे को महिला पुनर्वास केंद्र ले जाया गया है। अधिकारी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।
एन. देवराहल्ली की सविथ्रम्मा और आंध्र प्रदेश के मणिकाथा दोनों मूक-बधिर हैं। तीन साल पहले इन्होंने शादी कर ली थी। महिला डिलीवरी के लिए अपने घर आई और एक महीने पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया।
हालांकि, गांव के लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और दूसरी जाति के व्यक्ति से शादी करने के लिए उसका गांव से बहिष्कार कर दिया।
मणिकथा, रेड्डी समुदाय से हैं जबकि सविथ्रम्मा ग्रांडा जोगी जाति से है। दोनों बेंगलुरु में निजी कंपनियों में काम करते हैं और एक-दूसरे को पसंद करने लगे और 2021 में उन्होंने शादी कर ली। जब नवविवाहित जोड़ा गांव आया, तो सविथ्रम्मा समुदाय के सदस्यों ने अंतरजातीय विवाह पर आपत्ति जताई।
उन्होंने लड़की के माता-पिता पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया और जोड़े को गांव से बाहर भेज दिया। यह जोड़ा बेंगलुरु लौट आया। समुदाय के लोगों ने सविथ्रम्मा को प्रसव के लिए घर के अंदर जाने देने को लेकर उसके माता-पिता के साथ फिर से लड़ाई शुरू कर दी।
उन्होंने धमकी दी थी कि अगर सविथ्रम्मा और पति को उनके एक महीने के बच्चे के साथ घर से बाहर नहीं भेजा गया, तो उन्हें समुदाय द्वारा स्थायी बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
दंपति ने चल्लकेरे में मूक-बधिर स्कूल के स्टाफ को इस घटनाक्रम की जानकारी दी थी। वे जोड़े को महिला पुनर्वास केंद्र ले गए और घटना की जानकारी तहसीलदार को दी। मामला महिला एवं बाल कल्याण विभाग के संज्ञान में भी लाया गया।
तहसीलदार राहन पाशा पुनर्वास केंद्र पहुंचे और दंपति को सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समुदाय के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों ने बताया कि प्रशासन इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और गांव में जागरूकता अभियान चलाने पर विचार कर रहा है।