Indus Water Treaty: भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए पाकिस्तान को भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला

Indus Water Treaty: भारत ने 30 अगस्त को पाकिस्तान को सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए औपचारिक नोटिस भेजा है। इस नोटिस के जरिए भारत ने सिंधु जल समझौते के अनुच्छेद 12(3) के तहत बदलाव की मांग की है।

Update: 2024-09-18 15:10 GMT

Indus Water Treaty: भारत ने 30 अगस्त को पाकिस्तान को सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए औपचारिक नोटिस भेजा है। इस नोटिस के जरिए भारत ने सिंधु जल समझौते के अनुच्छेद 12(3) के तहत बदलाव की मांग की है। भारत का कहना है कि समझौते के समय जैसी परिस्थितियां थीं, अब वे नहीं रहीं, और मौजूदा हालात में संधि का पुनर्मूल्यांकन जरूरी हो गया है।

क्यों चाहता है भारत संधि में बदलाव?

भारत के अनुसार, निम्नलिखित कारणों से सिंधु जल संधि की समीक्षा की आवश्यकता है:

  • परिस्थितियों में बदलाव: भारत ने कहा है कि समय के साथ सिंधु नदी के पानी के उपयोग और जनसांख्यिकी में बड़े बदलाव हुए हैं। भारत अब स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और संधि के कुछ प्रावधानों में सुधार की जरूरत है।
  • सीमा पार से आतंकवाद: भारत ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद संधि के सुचारू संचालन में बाधा डाल रहा है।

क्या बदलाव चाहता है भारत?

भारत सिंधु जल समझौते के अनुच्छेद 12(3) के तहत समय-समय पर प्रावधानों में बदलाव की मांग कर रहा है ताकि दोनों देशों के हितों की रक्षा हो सके। इसके अलावा, भारत ने विवाद समाधान तंत्र में भी सुधार की मांग की है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित वार्ता में विश्व बैंक की कोई भूमिका नहीं होगी, भले ही वह इस समझौते का एक हस्ताक्षरकर्ता हो।

सिंधु जल संधि क्या है?

सिंधु जल संधि 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक समझौता है, जिसका उद्देश्य सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी का वितरण और इसके उपयोग के नियम तय करना है। इस संधि के तहत:

  • भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलज) के पानी पर अधिकार मिला।
  • पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, चेनाब, झेलम) का पानी मिला, लेकिन भारत भी कुछ हद तक इन नदियों के पानी का इस्तेमाल कर सकता है, बशर्ते इससे पाकिस्तान को कोई नुकसान न हो।

संधि की वर्तमान स्थिति

भारत ने इस संधि के प्रावधानों की समीक्षा और बदलाव की मांग की है, जबकि पाकिस्तान ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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