इमाम का फरमान: निकाह में अब डांस-संगीत और आतिशबाजी नहीं होगी.. नियम तोड़ने पर जुर्माना लगेगा...
NPG डेस्क: एक मस्जिद के इमाम ने निकाह पर फरमान जारी किया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म में निकाह में बैंड बाजा और आतिशबाजी की मनाही है, क्योंकि यह एक फिजुलखर्ची है. निकाह में आतिशबाजी, बैंड बाजा की नुमाइश करने वालों पर कमेटी की ओर से 5100 रुपया जुर्माना लगाया जाएगा. ये मामला झारखंड के धनबाद जिले के निरसा प्रखंड का है.
दरअसल, धनबाद में निरसा के शिवलीबाड़ी जामा मस्जिद में कमेटी की बैठक हुई. जिसमें मौलाना मसूद अख्तर कादरी ने मुस्लिम समुदाय से इस्लाम धर्म के अनुसार निकाह करने की अपील की. उन्होंने सोमवार को कहा कि 'हमने सर्वसम्मति से फैसला किया कि निकाह (शादी) इस्लामिक धर्म के अनुसार संपन्न होगी. इसमें कोई नृत्य, डीजे संगीत और आतिशबाजी का प्रदर्शन नहीं होगा. इतना ही नहीं, आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5,100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि ये पाबंदियां दो दिसंबर से लागू होंगी.
सिबिलीबाड़ी जामा मस्जिद के प्रमुख इमाम मौलाना मसूद अख्तर ने आगे कहा कि इस्लाम में इस तरह की प्रथाओं की अनुमति नहीं है. इससे लोगों को असुविधा भी होती है. इसके अलावा निकाह रात 11 बजे से पहले करना होगा क्योंकि इसके बाद का समय शुभ नहीं माना जाता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई रात 11 बजे के बाद निकाह करने की कोशिश करता है तो उस पर भी जुर्माना भी लगाया जाएगा. साथ ही इन नियमों को तोड़ने वाले को लिखित माफी भी देनी होगी.
बैठक शिवलीबाड़ी स्थित जामा मस्जिद की पहल पर आयोजित की गई थी. शिवलीबाड़ी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मसूद अख्तर ने बताया कि फैशन के दौर में शादी-विवाह में लोग दिखावे के लिए जरूरत से ज्यादा खर्च करते हैं. हमारा इस्लाम यह कभी नहीं कहता है कि शादी-विवाह में गाजे बाजे व आतिशबाजी में फिजूलखर्च करें। ऐसा करने से लोगों को परेशानी भी होती है. उन्होंने बताया कि यह नियम दो दिसंबर जुम्मे के दिन से पूरे निरसा विधानसभा क्षेत्र में लागू हो जाएगा. जिनके भी लड़के या लड़की का निकाह हो वे अपने रिश्तदारों को इस फैसले के बारे में सूचित कर दें.