गुजरात दंगा: मोदी को फंसाने के आरोपों में घिरी सीतलवाड़ की बढ़ी मुश्किलें, जाना पड़ेगा जेल, कोर्ट ने तुरंत सरेंडर का दिया निर्देश

गुजरात में 2002 में हुए दंगों में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश के आरोपों से घिरी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ को अब जेल जाना पड़ेगा। कोर्ट ने आज उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।

Update: 2023-07-01 14:13 GMT

अहमदाबाद। गुजरात में 2002 में हुए दंगों के मामले में गुजरात के तत्‍काली मुख्‍यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के आरोपों में घिरी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। होई कोर्ट ने आज उनकी जमानत खारिज करते हुए तुरंत सरेंडर करने का निर्दश दिया है। कोर्ट के इस फैसले को देखते हुए माना जा रहा है कि सीतलवाड़ को अब जेल जाना ही पड़ेगा।

उल्‍लेखनीय है कि गुजरात दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्‍लीन चीट मिलने के बाद राज्‍य पुलिस ने मूलत: मुम्‍बई की रहने वाली सीतलवाड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। सीतलवाड़ पर पर प्रधानमंत्री की छवि खराब करने, बदनाम करने और फंसाने की साजिश करने का आरोप है। एफआईआर दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने 25 जून 2022 को सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया था।

गिरफ्तारी के बाद सीतलवाड़ को कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2022 में सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी। तब से सीतलवाड़ जेल से बाहर हैं। गुजरात हाई कोर्ट में निर्जर देसाई ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई करने हुए जमान खारिज कर दिया। पुलिस अफसरों के अनुसार इस मामले में सीतलवाड़ के अलावा उनके साथ सस्पेंड किए गए आईपीएस संजीव भट्‌ट और राज्य के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार भी हैं। इस मामले में दोनों पुलिस अफसर सह आरोपी हैं।

जानिए सीतलवाड़ पर क्‍या है आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता सीतलवाड़ पर आरोप हैं कि उन्होंने गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी के साथ मिलकर साजिश की। उन्‍होंने गलत सबूत से गलत केस दाखिल किए, ताकि उस वक्त के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाया जा सके। आरोप है कि इस काम में संस्पेंड किए गए आईपीएस और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार ने सीतलवाड़ की मदद की थी।

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