Dinesh Gundu Rao News: 327 गर्भवती महिलाओं की मौत पर सियासी बवाल, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव दे सकते हैं इस्तीफा...
Dinesh Gundu Rao News: महिलाओं के मौतों के बाद से सरकार चौकन्ना हो गई है.स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने बीजेपी नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, कि अगर मैं गलत हूं तो इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं
Dinesh Gundu Rao News: कर्नाटक के बेल्लारी जिला अस्पताल में अब तक 5 गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई है. वहीँ गर्भवती महिलाओं की मौत का सालाना आंकड़ा 327 पहुंच गया है. जिसे लेकर सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है. इस मामले में बीजेपी ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने गलत होने पर इस्तीफा देने की बात कही है.
दरअसल, बेल्लारी जिला अस्पताल में लापरवाही के चलते महिलाओं की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में अब सियासी बवाल भी शुरू हो गया है. लगातार हो रही मौत के बाद अब बीजेपी ने सरकार पर सवाल उठाया है. पार्टी ने राज्य के स्वास्थ्य सेवा पर सवाल उठाया है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री ने गलत होने पर इस्तीफा देने की बात कही है.
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने बीजेपी नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, कि अगर मैं गलत हूं तो इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. लगातार हो रहे महिलाओं के मौतों के बाद से ही सरकार चौकन्ना हो गई है. पहले ही सरकार ने दवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया हैं. लेकिन अगर विपक्ष को ये लगता है कि मेरे इस्तीफा दे देने से सब ठीक हो जायेगा तो मैं जरुर ही इस्तीफा देने के लिए तैयार हूँ.
बता दें, कर्नाटक में इस साल अब तक करीब 327 गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है. और अब भी मामला थमने का नाम नहीं ले रही है. जिसे लेकर बीजेपी ने पूरे मामले की लोकायुक्त से शिकायत की है. और इसे लेकर सरकार पर सवाल उठाये है.
दरअसल, पूरा मामला बेल्लारी जिला अस्पताल से शुरू हुआ. जहाँ अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक और महिला कि मौत हो गई है. जिससे मामला गंभीर हो गया है. इससे पहले पिछले महीने 4 महिलाओं की मौत हो चुकी है और अब संख्या 5 तक पहुंच गयी है.
जानकारी के मुताबिक, इन सभी महिलाओं को रिंगर लैक्टेट नामक इंजेक्शन दिया गया था. जिसके बाद सभी बीमार हो गईं. वही कर्नाटक स्टेट ड्रग्स लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग की रिपोर्ट में बताया गया कि रिंगर लैक्टेट दवा का उपयोग उचित नहीं है. इसका उपयोग आमतौर पर शरीर में द्रव संतुलन को बहाल करने के लिए किया जाता हैं. जिसके बाद अब डॉक्टरों के इसके उपयोग करने को लेकर सवाल उठाये जा रहे है.