Dakshinavarti Shankh Benefits in Hindi: दक्षिणावर्ती शंख के फायदे (Benefits of Dakshinavarti Shankh)

Dakshinavarti Shankh Benefits in Hindi: दक्षिणावर्ती शंख एक पवित्र और शुभ शंख माना जाता है, जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है। यह शंख धार्मिक अनुष्ठानों में और वास्तु दोष दूर करने में उपयोगी होता है।

Update: 2024-08-11 18:45 GMT

Dakshinavarti Shankh Benefits in Hindi: दक्षिणावर्ती शंख एक पवित्र और शुभ शंख माना जाता है, जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है। यह शंख धार्मिक अनुष्ठानों में और वास्तु दोष दूर करने में उपयोगी होता है। इसके कुछ प्रमुख लाभ हैं:

  • धन-संपत्ति में वृद्धि: दक्षिणावर्ती शंख को घर में रखने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। इसे लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है और यह आर्थिक समृद्धि को आकर्षित करता है।
  • वास्तु दोष निवारण: इस शंख को घर में रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
  • स्वास्थ्य में सुधार: दक्षिणावर्ती शंख से जल को पीने से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: घर में शंख की ध्वनि से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर के वातावरण को पवित्र और शांतिमय बनाता है।

दक्षिणावर्ती शंख में चावल भरकर रखने के लाभ (Benefits of Keeping Rice in Dakshinavarti Shankh)

दक्षिणावर्ती शंख में चावल भरकर घर के पूजा स्थल या तिजोरी में रखने से माना जाता है कि यह धन और समृद्धि को आकर्षित करता है। यह उपाय घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और आर्थिक रूप से घर को मजबूत बनाता है। चावल को शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और इसे शंख में रखने से यह गुण बढ़ जाते हैं।

दक्षिणावर्ती शंख कब खरीदना चाहिए? (When Should You Buy Dakshinavarti Shankh?)

दक्षिणावर्ती शंख को शुभ मुहूर्त में खरीदना चाहिए। विशेष रूप से शुक्रवार, दीपावली, अक्षय तृतीया, धनतेरस, और पूर्णिमा जैसे शुभ दिनों पर इसे खरीदना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शंख खरीदने से पहले उसका शुद्धता और दिशा सही होनी चाहिए।

दक्षिणावर्ती शंख का मुंह किधर होना चाहिए? (Which Direction Should the Mouth of Dakshinavarti Shankh Face?)

दक्षिणावर्ती शंख का मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, इसलिए इसे घर में रखते समय इस दिशा का ध्यान रखना चाहिए। जब इसे पूजा स्थल पर रखा जाए, तो उसका मुख पूजा स्थल के दक्षिण की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से शंख से निकली सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में फैलती है और इसका लाभ घर के सभी सदस्यों को मिलता है।

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