Betting Case: कांग्रेस MLA केसी वीरेंद्र के घर से मिला नोटों का पहाड़! गिनने के लिए लगानी पड़ीं मशीनें... इतना कैश देख कर हो जाओगे बेहोश
Betting Case: कर्नाटक की राजनीति में इस वक्त भूचाल मचा हुआ है। चित्रदुर्ग से कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को प्रवर्तन निदेशालय ने गंगटोक से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि वे अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी का रैकेट चला रहे थे।
सांकेतिक फोटो
Betting Case: कर्नाटक की राजनीति में इस वक्त भूचाल मचा हुआ है। चित्रदुर्ग से कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को प्रवर्तन निदेशालय ने गंगटोक से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि वे अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी का रैकेट चला रहे थे। इस गिरफ्तारी के साथ ही ईडी की छापेमारी में जो सामान और कैश बरामद हुआ है, उसने सबको हिला कर रख दिया दिया।
जांच एजेंसी ने विधायक के ठिकानों से लगभग 12 करोड़ रुपये कैश बरामद किये है, नोटों का ढेर इतना बड़ा था कि गिनने के लिए मशीनें लगानी पड़ गई। इसमें एक करोड़ रुपये से ज़्यादा विदेशी मुद्रा भी शामिल है। इसके अलावा छह करोड़ रुपये के सोने के गहने और करीब दस किलो चांदी बरामद हुई।
यही नहीं, ईडी को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई बड़े कैसीनो जैसे एमजीएम, बेलाजियो और मरीना के मेंबरशिप कार्ड भी मिले है। तस्वीर यहीं खत्म नहीं होती। टीम को ताज, हयात और लीला जैसे लग्जरी होटलों के प्रीमियम कार्ड और “0003” नंबर प्लेट वाली कारें भी मिलीं, जिनसे साफ होता है कि नेटवर्क कितना हाई-प्रोफाइल तरीके से चल रहा था।
वीरेंद्र को गंगटोक की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया और वहां से उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर बेंगलुरु भेजा गया है। यानी आने वाले दिनों में यह केस बेंगलुरु की अदालत में चलेगा और यहीं से इसके और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
वही एजेंसी का कहना है जांच सिर्फ विधायक तक सीमित नहीं है। ईडी का कहना है कि वीरेंद्र का भाई केसी थिप्पेस्वामी दुबई से ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी का संचालन कर रहा था। परिवार के अन्य सदस्यों जैसे केसी नागराज और उनके बेटे पृथ्वी एन राज के घरों से भी संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं। ईडी के मुताबिक, विधायक गंगटोक एक कैसीनो किराए पर लेने के लिए गए थे। इससे यह भी साफ होता है कि यह नेटवर्क सिर्फ छोटे स्तर का नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों के साथ चल रहा था।
इस पूरे मामले की जांच ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कर रही है। यानी मामला सिर्फ सट्टेबाजी का नहीं, बल्कि करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का भी है।
गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष कांग्रेस पर आरोप लगा रहा है कि पार्टी के नेता अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि जांच पूरी होने दी जानी चाहिए, कानून अपना काम करेगा। लेकिन एक विधायक का इस तरह बड़े स्तर पर सट्टेबाजी रैकेट से जुड़ना, राजनीति और अपराध के रिश्ते को फिर से चर्चा में ले आया है।
असल सवाल यही है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है। क्या यह सिर्फ एक विधायक तक सीमित है या फिर इसके तार और नेताओं, कारोबारियों और बाहरी देशों तक भी फैले हैं? अभी तो ईडी की कार्रवाई शुरुआती स्तर पर है, लेकिन जिस तरह से करोड़ों रुपये कैश और लग्जरी सामान निकला है, उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कहानी बहुत लंबी और पेचीदा है।