Asia's largest railway bridge : कटनी में 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन, देखने वालों की आंखे फटी की फटी रह गईं
Asia's largest railway bridge : ग्रेड सेपरेटर रेलवे ब्रिज कुल 676 पिलर्स पर बनाया गया है, जो इसकी मजबूती और भव्यता को दर्शाता है.
Asia's largest railway bridge : एशिया के सबसे बड़े ग्रेड सेपरेटर रेलवे ब्रिज पर 2 इंजन और 11 बोगियों की ट्रेन ने अपनी रफ्तार दिखाई. भारतीय रेलवे ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कटनी में एशिया के सबसे बड़े ग्रेड सेपरेटर रेलवे ब्रिज पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जब ट्रेन दौड़ी तो देखने वालों की आंखे फटी की फटी रह गईं. कटनी में यह ग्रेड सेपरेटर रेलवे ब्रिज कुल 1248 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.
ग्रेड सेपरेटर रेलवे ब्रिज कुल 676 पिलर्स पर बनाया गया है, जो इसकी मजबूती और भव्यता को दर्शाता है. इस आधुनिक संरचना में अप साइड पर 16 किलोमीटर और डाउन साइड पर 18 किलोमीटर यानी कुल 34 किलोमीटर का रेल ट्रैक विकसित किया गया है. कटंगी से मझगवां के बीच इस ब्रिज पर पहली बार ट्रेन चलाई गई. ये देखने के लिए रेलवे के बड़े अधिकारी सहित जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
बता दें से ट्रायल से पहले पूरे ब्रिज की पॉइंट की हाउसिंग, टंग रेल, ब्रिज लेआउट और रेलवे मानक मापदंडों की जांच की गई. इसके अलावा ब्रिज के बेरिंग, प्लेट, चैनल स्लीपर, बालस्ट और ओएचई लाइन का गहन परीक्षण किया गया. कटनी ग्रेड सेपरेटर रेलवे ब्रिज में उच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है.
एक-दूसरे से अलग-अलग दिशाओं में चलने का रास्ता मिलेगा
इस मेगा प्रोजेक्ट का उद्देश्य ट्रेनों की लेटलतीफी कम करना और रूट को अधिक कुशल बनाना है. ग्रेड सेपरेटर के निर्माण से ट्रेनों को बिना किसी रुकावट के एक-दूसरे से अलग-अलग दिशाओं में चलने का रास्ता मिलेगा, जिससे समय की बचत और यात्रियों को बेहतर सुविधा सुनिश्चित होगी. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि भविष्य की यात्री और मालगाड़ियों की बढ़ती मांग को भी पूरा करने में सक्षम होगा.