41 Worker Trapped Uttarkashi Tunnel: जानिए क्या बातें कर रहे हैं टनल में फंसे 41 मजदूर

41 Worker Trapped Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा गांव में सुरंग में फंसे क़रीब 41 मज़दूरों को निकालने का काम आज 7वें दिन भी जारी है...

Update: 2023-11-18 15:55 GMT

Uttarakhand News 

41 Worker Trapped Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा गांव में सुरंग में फंसे क़रीब 41 मज़दूरों को निकालने का काम आज 7वें दिन भी जारी है.

आज शनिवार 18 नवंबर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एक और मशीन को इंदौर से एयरलिफ्ट कर टनल तक पहुंचाया गया है. इंदौर से मंगवाई गई यह तीसरी अमेरिकन ऑगर मशीन टनल के पास शनिवार सुबह 11 बजे पहुंच गई थी.

बीते शुक्रवार सरकार की हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी एनएचआईडीसीएल (NHIDCL) के डायरेक्टर अंशु मनीष खलको ने बताया था, "अगर यह मशीन कहीं रूकती है, तो इंदौर से मँगवाई मशीन की सहायता से हम आगे का काम कर सकेंगे. उनका कहना था कि टनल में मौजूद मलबे में 24 मीटर तक ड्रिल किया जा चुका है.

इसके अलावा कहीं ओर से रास्ता खोजे जाने पर भी एक्सपर्ट सलाह मशविरा कर रहे हैं और बैठकों का दौर जारी है. शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के डिप्टी सेक्रेटरी मंगेश घिल्डियाल भी टनल का मुआयना करने पहुंचे थे. 

विरोध प्रदर्शन भी हुआ 

दूसरी तरफ रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को लेकर मजदूरों ने टनल से कुछ दूर मौजूद एनएचआईडीसीएल दफ्तर पहुंच विरोध प्रदर्शन भी किया.

मजदूर, टनल में फंसे अपनी साथियों को निकालने को लेकर कंपनी के आला अधिकारियों से बात करना चाहते थे, जिसके बाद अधिकारियों को मीटिंग छोड़ उनसे बात की.

टनल में लोडर अपलोडर का काम करने वाले मृत्युंजय कुमार ने बीबीसी को टनल के अंदर के मौजूदा हालातों के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "टनल के अंदर की स्थिति ख़राब है. टनल के अंदर लूज़ पोज़ीशन है. उसी हालात में हम काम कर रहे हैं."

मृत्युंजय ने कहा, "आज 7 दिन हो गए, हम लोग उनसे कब तक झूठ बोलें कि बाहर मशीन लगी है और तुमको बहुत जल्द निकाल लिया जाएगा. अब अंदर फंसे लोगों का हौसला टूटता जा रहा है. कब तक वे सूखे खाने पर ज़िंदा रहेंगे."

उन्होंने बताया कि जब टनल में फंसे मजदूरों से पाइप के जरिए बात होती है वे बोलते हैं, "तुम लोग काम कर भी रहे हो या हमसे झूठ बोलते हो."

सोनू कुमार नाम के मज़दूर का ज़िक्र करते हुए मृत्युंजय ने बताया, "वो अंदर से टूट चुका है और रो रहा है. वो बोल रहा है कि भाई अब अंदर से बहुत कमज़ोरी महसूस हो रही है. कोई एनर्जी नहीं मिल रही है, इस सूखे खाने (ड्राई फ़्रूट्स) पर कितने दिन तक रहें."

मृत्युंजय कुमार ने एक नई जानकारी देते हुए यह भी बताया कि जहां आगर मशीन लगी हुई है, वहां छत में 20 मीटर पीछे दरार भी आ गई है.

Tags:    

Similar News