MP Weather Update : बर्फीली हवाओं के घेरे में प्रदेश, पचमढ़ी में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी; यातायात और जनजीवन ठप
MP Weather Update : उत्तर भारत से आ रही मैदानी इलाकों की बर्फीली हवाओं ने समूचे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है।
MP Weather Update : बर्फीली हवाओं के घेरे में प्रदेश, पचमढ़ी में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी; यातायात और जनजीवन ठप
MP Weather Update : भोपाल : मध्य प्रदेश में कुदरत का मिजाज पूरी तरह बदल चुका है। उत्तर भारत से आ रही मैदानी इलाकों की बर्फीली हवाओं ने समूचे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है। आलम यह है कि सूरज की तपिश अब बेअसर साबित हो रही है और रात होते ही समूचा प्रदेश कोल्ड चेंबर में तब्दील होता नजर आ रहा है। इस सीजन की सबसे भीषण ठंड ने न केवल आम जनजीवन की रफ्तार थाम दी है, बल्कि स्वास्थ्य और परिवहन व्यवस्था के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
MP Weather Update : पचमढ़ी में जमने लगी ओस, शहरों में सिहरन
प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। यहाँ न्यूनतम पारा लुढ़ककर 4.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है, जिससे सुबह के वक्त घास के मैदानों और पेड़ों की पत्तियों पर ओस की बूंदें जमती नजर आ रही हैं। पचमढ़ी के अलावा प्रदेश के करीब 25 प्रमुख शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री के लक्ष्मण रेखा के नीचे चला गया है।
राजधानी भोपाल की रातें अब और अधिक सर्द हो गई हैं, यहाँ पारा 7 डिग्री तक गिर चुका है। वहीं, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर जैसे महानगरों में भी तापमान 9 डिग्री के आसपास बना हुआ है। दिन में भी ठंडी हवाओं के चलने से लोग धूप का आनंद नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली जेट स्ट्रीम हवाओं ने वातावरण में नमी और ठिठुरन को बढ़ा दिया है।
कोहरे की चादर और थमते पहिये
भीषण ठंड के साथ-साथ घने कोहरे ने प्रदेश की कनेक्टिविटी पर बड़ा प्रहार किया है। ग्वालियर-चंबल संभाग और रीवा-सतना के इलाकों में विजिबिलिटी (दृश्यता) महज कुछ मीटर तक सिमट गई है।
रेलवे पर असर: दिल्ली और उत्तर भारत से आने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित समय से 4 से 10 घंटे की देरी से चल रही हैं। भोपाल और इंदौर आने वाले रेल यात्रियों को प्लेटफार्मों पर कड़ाके की ठंड के बीच घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
सड़क परिवहन: नेशनल हाईवे पर ट्रक और बस चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घने कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है, जिसे देखते हुए परिवहन विभाग ने 'फॉग लाइट' के उपयोग और धीमी गति की एडवाइजरी जारी की है।
आम जनजीवन पर शीतलहर की मार
सुबह की शुरुआत अब अलाव के साथ हो रही है। चौक-चौराहों और रैन बसेरों के बाहर लोग आग तापते नजर आ रहे हैं। इस ठंड का सबसे बुरा असर स्कूली बच्चों और मजदूरों पर पड़ा है। सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए यह मौसम काफी कष्टदायक साबित हो रहा है, जिसे देखते हुए कई जिलों में स्कूलों के समय में परिवर्तन की मांग उठने लगी है। दफ्तर जाने वाले लोग भी गरम कपड़ों की कई परतों में लिपटे नजर आते हैं।
क्या कहते हैं मौसम विज्ञानी?
मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति अभी कुछ दिनों तक बनी रहेगी। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के जाने के बाद आसमान पूरी तरह साफ हो गया है, जिससे जमीन की गर्मी तेजी से अंतरिक्ष में जा रही है और रातें अत्यधिक ठंडी हो रही हैं। ऊपर से हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का सीधा असर मध्य भारत तक पहुँच रहा है। आगामी 48 घंटों में ग्वालियर, दतिया और छतरपुर जैसे जिलों में 'शीत लहर' (Cold Wave) चलने की प्रबल संभावना है।
सावधानियां और बचाव
चिकित्सकों ने इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। हृदय रोगियों और अस्थमा के मरीजों के लिए यह ठंड खतरनाक हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को पर्याप्त गरम कपड़े पहनने, गुनगुने पानी का सेवन करने और बहुत जरूरी न होने पर देर रात या अल सुबह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।