Madiya Page : क्या आपने पिया है छत्तीसगढ़िया "मड़िया पेज", बस्तर का स्पेशल कोल्ड ड्रिंक, हेल्थ के लिए कई तरीके से फायदेमंद
यह पौष्टिक व बलवर्धक होने के साथ ही ऊर्जा का मुख्य स्रोत भी है। इसमें मुख्य रूप से अमीनो अम्ल, कैलशियम, लौह तत्व, ग्लूकोज, प्रोटीन, फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कुपोषण व मधुमेह के लिए भी कारगर औषधीय गुणों से भरपूर है।
अप्रैल की भीषण गर्मी में बस्तर के बाजार में मड़िया पेज ने दस्तक दे दी है, जो आदिवासियों की पहचान का एक हिस्सा भी है। यह एक ऐसा पेय पदार्थ है जो बस्तर के लोगों को लू की चपेट में आने से रोकता है और यहां के लोग गर्मी में इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं।
मंडिया क्षेत्र में पैदा होने वाला एक मोटा अनाज होता है। जिसके आटा को मिट्टी के बर्तन में रात भर भीगा कर रखते हैं। सुबह पानी में चावल डालकर पकाते हैं। चावल पकने पर उबलते हुए पानी में मडिया के भीगाए हुए आटे को घोलते हैं। स्थानीय हलबी बोली में इसे पेज कहते हैं। पकने पर उतारकर ठंडा करके 24 घंटे तक इसका सेवन करते हैं। इससे शरीर को ठंडकता मिलती है और भूख भी शांत होती है।
यह पौष्टिक व बलवर्धक होने के साथ ही ऊर्जा का मुख्य स्रोत भी है। इसमें मुख्य रूप से अमीनो अम्ल, कैलशियम, लौह तत्व, ग्लूकोज, प्रोटीन, फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कुपोषण व मधुमेह के लिए भी कारगर औषधीय गुणों से भरपूर है। ये औषधीय गुणों से भरपूर डायबिटीज के मरीजों को खाली पेट पीने और इसकी सूखी रोटी भी बनाकर खिलाते हैं। आइये जानें कैसे बनाया जाता है मड़िया पेज :-
सामग्री
२० मिनट
४ लोग
1 कप रागी
1कप चावल
1मुट्ठी चावल के दाने (मिला कर पकाने हेतु)
स्वादानुसार नमक
6 गिलास पानी
कुकिंग निर्देश
१ रागी और चावल को एक साथ मिला कर हम मिक्सी जार में पीस लेंगे ।
२ इस पीसान को नॉर्मल पानी में घोल कर ४,५ घंटे तक या रात भर के लिए ढक कर रख देंगे!(इस से घोल में खट्टापन आता है)।जब बनाना है एक गहरे बर्तन में ६,७ गिलास पानी डालकर उबलने देंगे इसमें एक मुट्ठी चावल डाल ५ मिनट तक पकाएं।
३ इसके बाद घोल को चम्मच से चलाते हुए उबलते पानी से डालकर १०,१२ मिनट तक पकाएंगे।
४ पकते हुए गाढ़ा होने लगेगा। गैस बंद कर दें। एक बाउल में निकाल लेंगे। फिर गिलासों में निकाल कर सर्व करें।इसे कटे आम में सेंधा नमक और चिल्ली फ्लैक्स डाल कर सर्व किया। आम के साथ इस पीने से बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।
५ इस पेय को बचपन में हमने चूल्हे पर मिट्टी के हांडी में बनाते देखा था । अब समय बदल गया । इसे मिक्सी जार में पीस कर गैस पर भी बना सकते है।
बच्चों के सर पर लगाते हैं मंडिया आटे का लेप
बस्तर के निवासी सदियों से मडिया के आटा से निर्मित पेय पदार्थ मंडिया पेज का उपयोग करते आ रहे हैं। इससे लू के थपेड़े वाली भीषण गर्मी का भी शरीर पर असर नहीं पड़ता। यह शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक और लाभप्रद भी है।
अधिकांशत: बस्तर के आदिवासी मेहनती स्वभाव के होते हैं, जो भीषण गर्मी में भी दिनभर खेतों में व वनोपज आदी के संग्रहण कार्य में लगे रहते हैं। भीषण गर्मी से बचाव के लिए मंडिया पेज पेय का उपयोग करते हैं, जो तेज गर्मी का शरीर पर प्रभाव पड़ने नहीं देता। माताएं तेज धूप में बच्चों को लेकर जाते समय धूप से बचाव हेतु उनके सिर पर मडिया आटा का लेप लगाती हैं।
कुपोषण और मधुमेह की भी कारगर औषधि
मडिया पेज गर्मी के मौसम में प्यास बुझाने के साथ-साथ सेहत के लिये स्वास्थ्यवर्धक, शक्ति वर्धक पेय का विकल्प है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के साथ-साथ पाचन क्रिया को भी ठीक करता है।
इससे होते हैं कई फायदे
पकने पर उतारकर ठंडा करके 24 घंटे तक इसका सेवन करते हैं. इससे शरीर को ठंडक मिलती है और भूख भी शांत होती है. ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी करने वाली महिलाओं और पुरुषों के लिए मड़िया पेज किसी लस्सी और कोल्डड्रिंक से कम नहीं होती. शरीर में ठंडक पहुंचाने के साथ ही यह कैल्शियम और डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण है. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के साथ- साथ पाचन क्रिया को भी ठीक करता है. यह पौष्टिक व बलवर्धक होने के साथ ही ऊर्जा का मुख्य स्रोत भी है. इसमें मुख्य रूप से अमीनो अम्ल, कैलशियम, लौह तत्व, ग्लूकोज, प्रोटीन,फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.