Chhattisgarhia Kanda Bhaji Recipe : पेट व त्वचा संबंधी बीमारी के लिए लाभदायक छत्तीसगढ़िया कांदा भाजी
छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली कांदा भाजी गर्मी के दिनों में पेट के लिए लाभदायक होती है. त्वचा संबंधी बीमारी के लिए भी लाभदायक है . बेल के आकार में फलने वाली भाजी को कांदा भाजी के नाम से जाना जाता है।
छत्तीसगढ़ हरी-भरी भाजियों का भी गढ़ है। प्रदेश में 36 प्रकार की भाजियां ऐसी हैं जिन्हें आज भी लोग चाव से खा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली कांदा भाजी गर्मी के दिनों में पेट के लिए लाभदायक होती है. त्वचा संबंधी बीमारी के लिए भी लाभदायक है . बेल के आकार में फलने वाली भाजी को कांदा भाजी के नाम से जाना जाता है।
सामग्री
- 20 मिनट
- 8 लोग
- 500 ग्राम कांदा भाजी
- 1 प्याज
- 6 टमाटर
- स्वादानुसार नमक
- आवश्यकतानुसार तेल
- 6 हरी मिर्च
- 8 लहसुन कलिया
- 1 कटोरी चना दाल
कुकिंग निर्देश
- 500 ग्राम कांदा भाजी लेकर साफ कर पानी से धोकर निकाल लीजिए
- एक कटोरी चना दाल को पानी में भीगा कर रख लीजिए
- एक प्याज, 6 हरी मिर्च और लहसुन प्लेट में रख लीजिए
- गैस ऑन कर कढ़ाई में तेल हरी मिर्च लहसुन,बारीक काटकर प्याज़ डालिए सुनहरा होने तक भूनें प्याज़ सुनहरा हो जाने पर पानी से धो कर रखे हुए कांदे भाजी और पानी चना दाल को डालें ढककर पकाएं
- भाजी नरम होने पर टमाटर काटकर स्वाद अनुसार नमक डालें सभी को अच्छी तरह मिला लें ढककर पकाएं बीच-बीच में चम्मच चलाते रहे
- भाजी की पानी और टमाटर अच्छी तरह गल जाने पर गैस बंद कर दें सर्व करने को तैयार है हमारी पौष्टिक कांदे की भाजी