Maiya Samman Yojana : मंईयां सम्मान योजना : 51 लाख महिलाओं के खाते में जल्द आएंगे 5000, जानें - क्या हैं ये धांसू योजना और क्यों अटकता हैं पैसा?
Maiya Samman Yojana : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के तहत पात्र महिला लाभार्थियों को जल्द ही नवंबर और दिसंबर माह की लंबित राशि एक साथ जारी की जाने वाली है।
Maiya Samman Yojana : मंईयां सम्मान योजना : 51 लाख महिलाओं के खाते में जल्द आएंगे 5000, जानें - क्या है ये धांसू योजना और क्यों अटकता है पैसा?
Maiya Samman Yojana : रांची। झारखंड की लाखों महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत और खुशी की खबर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के तहत पात्र महिला लाभार्थियों को जल्द ही नवंबर और दिसंबर माह की लंबित राशि एक साथ जारी की जाने वाली है। यह भुगतान क्रिसमस पर्व से ठीक पहले सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे राज्य की लगभग 51 लाख महिलाओं के चेहरों पर त्योहारी रौनक आने की उम्मीद है। इस बार, प्रत्येक लाभार्थी को एकमुश्त 5,000 रुपये की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी। यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके तहत वित्तीय सहायता को महत्वपूर्ण त्योहारों के इर्द-गिर्द समय पर जारी किया जाता है, जैसा कि सितंबर की राशि दुर्गा पूजा से पहले और अक्टूबर की राशि दीपावली व छठ से पूर्व दी गई थी।
Maiya Samman Yojana : वित्तीय राहत और जिला स्तर पर अंतिम तैयारी
नवंबर और दिसंबर महीने की 5,000 रुपये की यह संयुक्त राशि सीधे महिला लाभार्थियों के खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाएगी। इस बड़े पैमाने के राशि हस्तांतरण को सुनिश्चित करने के लिए, वर्तमान में जिला स्तर पर सभी आवश्यक प्रशासनिक और तकनीकी प्रक्रियाएँ युद्धस्तर पर पूरी की जा रही हैं। संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि भुगतान में कोई देरी न हो और तकनीकी खामियों के कारण कोई भी योग्य लाभार्थी इस लाभ से वंचित न रहे।
Maiya Samman Yojana : यह योजना झारखंड सरकार की सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को मासिक आर्थिक संबल प्रदान करना है। इस नियमित वित्तीय सहायता से महिलाओं को अपने दैनिक खर्चों और छोटे-मोटे आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता और सम्मान में वृद्धि होती है।
योग्यता और अपात्रों की छंटनी
मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ कठोर मापदंड और शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिनका सख्ती से पालन किया जाना अनिवार्य है। योजना का उद्देश्य केवल उन्हीं महिलाओं तक लाभ पहुँचाना है जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिन्हें बाहरी सहारे की आवश्यकता है।
पात्रता क्या होगी
लाभार्थी महिला का झारखंड की मूल निवासी होना अनिवार्य है। आयु सीमा 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ सक्रिय और कामकाजी उम्र की महिलाओं को मिले। इसके अलावा, महिला का नाम परिवार के राशन कार्ड में दर्ज होना चाहिए, जो उनकी आर्थिक स्थिति का प्राथमिक प्रमाण होता है।
सबसे महत्वपूर्ण पात्रता शर्तों में से एक यह है कि महिला या उसके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में कार्यरत नहीं होना चाहिए। साथ ही, महिला किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभ नहीं उठा रही हो, ताकि दोहरी योजना का लाभ लेने से बचा जा सके। आर्थिक मजबूती का एक और पैमाना यह है कि महिला का परिवार आयकर (Income Tax) नहीं देता हो, जो उनकी निम्न-आय वर्ग में होने की पुष्टि करता है।
आधार और ई-केवाईसी
कई बार, सभी योग्यता शर्तें पूरी करने के बावजूद, पात्र महिलाओं के खातों में राशि नहीं पहुँच पाती है, जिससे उनमें निराशा उत्पन्न होती है। इस तरह के भुगतान विफलताओं के पीछे सबसे आम और प्राथमिक समस्या बैंक खाता और आधार कार्ड की लिंकिंग से जुड़ी होती है। डीबीटी प्रणाली में, आधार लिंकिंग (Aadhaar Linking) और एनपीसीआई (NPCI) मैपिंग अत्यंत आवश्यक है। इसलिए, सभी लाभार्थियों को सबसे पहले अपने संबंधित बैंक शाखा में जाकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बैंक खाता सक्रिय है और वह सफलतापूर्वक आधार से जुड़ा हुआ है।
दूसरी बड़ी तकनीकी बाधा बायोमेट्रिक सत्यापन या ई-केवाईसी (e-KYC) का पूरा न होना है। बायोमेट्रिक सत्यापन योजना की अखंडता बनाए रखने और फर्जी लाभार्थियों को हटाने के लिए एक अनिवार्य कदम है। यदि किसी लाभार्थी का ई-केवाईसी लंबित है, तो उसका मासिक भुगतान स्वचालित रूप से रोक दिया जाता है। यदि आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी दोनों सही हैं, तो राशि आने में देरी केवल किसी तकनीकी या प्रशासनिक कारण से हो सकती है, जिसे जिला स्तर पर सुधारा जा सकता है।
कुछ महीने पहले योजना की लाभुक महिलाओं का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया गया था। इस दौरान, हजारों महिलाओं को अपात्र घोषित करते हुए उनका नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया गया था, क्योंकि वे योजना द्वारा निर्धारित कठोर नियमों पर खरी नहीं उतरी थीं। इस सत्यापन प्रक्रिया ने सुनिश्चित किया है कि आगामी भुगतान केवल वास्तविक और जरूरतमंद महिलाओं को ही मिले, जिससे योजना की सार्थकता बनी रहे।
मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य झारखंड की महिलाओं को सम्मान और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। 5,000 रुपये की आगामी संयुक्त किस्त न केवल वित्तीय राहत प्रदान करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि सरकार अपनी जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखती है। सभी योग्य लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे क्रिसमस से पहले अपने बैंक खाते और आधार लिंकिंग की स्थिति अवश्य जांच लें, ताकि उन्हें इस सरकारी योजना का पूरा लाभ मिल सके।