Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा, क्या साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों को रकम लौटाने के लिए फंड बनाएंगे?

रांची, 10 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि साइबर फ्रॉड के शिकार हुए लोगों को तात्कालिक राहत किस प्रकार दी जा सकती है? क्या सरकार ठगी के शिकार लोगों की रकम की वापसी के लिए फंड बनाने का विचार रखती है?

Update: 2023-11-10 16:17 GMT

Jharkhand High Court। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि साइबर फ्रॉड के शिकार हुए लोगों को तात्कालिक राहत किस प्रकार दी जा सकती है? क्या सरकार ठगी के शिकार लोगों की रकम की वापसी के लिए फंड बनाने का विचार रखती है?

जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने झारखंड में साइबर फ्रॉड की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई की।इस दौरान सीआईडी के महानिदेशक अनुराग गुप्ता कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए।

उन्होंने झारखंड में साइबर क्राइम की जांच प्रणाली, साइबर सेल सहित साइबर फ्रॉड रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई के बारे में कोर्ट को जानकारी दी। मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार साइबर क्राइम की घटनाओं को लेकर चिंतित है। गुजरात में साइबर क्राइम के शिकार लोगों के पैसे वापस करने को लेकर एक मॉडल तैयार किया गया है, लेकिन उसमें कई कानूनी अड़चनें हैं। झारखंड सरकार गुजरात से बेहतर मॉडल बनाने को लेकर प्रयासरत है, जिससे साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों को पैसा वापसी के मामले में राहत मिले।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि सरकार यह देखे कि साइबर फ्रॉड को कैसे कंट्रोल किया जाए, उसके शिकार लोगों के अकाउंट में पैसा कैसे भेजा जाए, इसके लिए एक स्कीम तैयार की जानी चाहिए। सरकार इस संदर्भ में एक प्रपोजल तैयार कर शपथ पत्र के माध्यम से उसे प्रस्तुत करें।

कोर्ट ने मौखिक कहा कि साइबर फ्रॉड के लिए झारखंड का जामताड़ा इलाका काफी चर्चित है, इसलिए इसके रोकथाम एवं साइबर क्राइम के पीड़ितों को पैसा वापस देने के लिए झारखंड से एक बेहतर पहल होनी चाहिए।

कोर्ट ने मामले में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से भी सुझाव मांगा है। उससे पूछा है कि साइबर क्राइम रोकने के लिए क्या प्रणाली है, लोगों की पैसे वापसी में उसकी क्या भूमिका हो सकती है? अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर सौम्या एस पांडे ने पक्ष रखा।

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