Pakistan Terrorist Attack: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सेना के काफिले पर किया गया हमला, 9 सैनिकों की हुई मौत

Pakistan Terrorist Attack: उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान (North-West Pakistan) में एक सुरक्षा काफिले (security convoy) पर हुए फिदायीन हमले (suicide attack) में नौ सैनिक मारे (Nine soldiers killed) गए, जबकि 20 अन्य घायल हो गए।

Update: 2023-09-01 11:00 GMT

Pakistan Terrorist Attack: उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान (North-West Pakistan) में एक सुरक्षा काफिले (security convoy) पर हुए फिदायीन हमले (suicide attack) में नौ सैनिक मारे (Nine soldiers killed) गए, जबकि 20 अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मोटरसाइकिल सवार एक आत्मघाती हमलावर ने काफिले को निशाना बनाया। यह हमला अफगानिस्तान की सीमा (Afghanistan border) से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa Province) के बन्नू जिले में हुआ।

पाकिस्तान सेना की मीडिया साखा आईएसपीआर ने एक बयान में कहा कि मोटरसाइकिल सवार आत्मघाती हमलावर ने सैन्य काफिले के पास खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया। जिसके कारण नायब सूबेदार सनोबर अली सहित नौ सैनिक शहीद हो गए और पांच सैनिक घायल हो गए।

आईएसपीआर ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकियों के खात्मे के लिए कार्रवाई की जा रही है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के सुरक्षा बल आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं और हमारे बहादुर सैनिकों की शहादत हमारे संकल्प को और मजबूत करती है।

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए सैनिकों की मौत पर दुख जताया है। काकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू डिवीजन में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में नौ बहादुर सैनिकों की मौत स्तब्ध करने वाली है।

फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी समूह ने नहीं ली है। हालांकि, इसमें पाकिस्तानी तालिबान का हाथ होने की आशंका जताई गई है, जिसने 2022 के बाद से सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ा दिए हैं। पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। आतंकवादी अफगानिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं। उनका हौसला भी बढ़ा।

बन्नू जिला उत्तरी वजीरिस्तान के पास है, जो आतंकवादियों का गढ़ रहा है। पाक सेना ने कुछ साल पहले घोषणा की थी कि उसने इस क्षेत्र को स्थानीय और विदेशी आतंकवादियों से मुक्त कर दिया है। हालांकि, यहां समय-समय पर आतंकी हमले होते रहे हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के क्षेत्र में फिर से संगठित होने से पाकिस्तान सरकार की चिंता बढ़ गई है।

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