Bangladesh Apprehends 34 Indian Fishermen: बंगाल की खाड़ी में सीमा पार विवाद: बांग्लादेश ने 34 भारतीय मछुआरों को किया गिरफ्तार, दो नौकाएं भी जब्त, जानिए क्या होता है कॉन्सुलर एक्सेस?
Bangladesh Ne Bhartiya Machhuaro Ko Pakda: भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री सीमा को लेकर फिर एक बार कूटनीतिक खींततान बढ़ गई है। बांग्लादेशी कोस्ट गार्ड (Bangladeshi Coast Guard) ने भारत के 34 मछुआरों को कथित रूप से अपने जलक्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ मौजूद दो मछली पकड़ने वाली नौकाएं एफबी और एफबी ममगल चंडी को भी जब्त कर ली गई है।
Bangladesh Ne Bhartiya Machhuaro Ko Pakda: भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री सीमा को लेकर फिर एक बार कूटनीतिक खींततान बढ़ गई है। बांग्लादेशी कोस्ट गार्ड (Bangladeshi Coast Guard) ने भारत के 34 मछुआरों को कथित रूप से अपने जलक्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ मौजूद दो मछली पकड़ने वाली नौकाएं एफबी और एफबी ममगल चंडी को भी जब्त कर ली गई है।
मछुआरों के वापसी की कोशिश जारी
इस कार्रवाई के बाद भारत सरकार ने तुरंत बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से राजनयिक बातचीत शुरू कर दी है। भारत की ओर से कॉन्सुलर एक्सेस (Consular Access) की व्यवस्था को करते हुए मछुआरों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी के लिए सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, यह घटना 14 और 15 जुलाई की मध्यरात्रि को मोंगला बंदरगाह के पास हुई। बांग्लादेशी अधिकारियों का आरोप है कि भारतीय मछुआरे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार कर उनके क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे। ऐसे मामलों में यह एक संवेदनशील कूटनीतिक मुद्दा बन जाता है क्योंकि समुद्री सीमाओं की निगरानी कतकनीकी और मौसमीय कारणों से जटील होती है।
कॉन्सुलर एक्सेस क्या होता है?
जब किसी देश का नागरिक दूसरे देश में गिरफ्तार होता है, तो उसके देश को उस व्यक्ति से मिलने और उसकी स्थिति की जानकारी लेने का अधिकार होता है। जिसे कॉन्सुलर एक्सेस (Consular Access) कहते हैं। यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जो वियना कान्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशन्स (Consular Relations) 1963 के अंतर्गत आता है। जैसे कि पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को भारत द्वारा कानूनी पहुंच देने की मांग इसी प्रावधान के अंतर्गत की गई थी।
बढ़ती चिंताएं
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के टतीय इलाकों से मछली पकड़ने वाले सैकड़ों मछुआरे अकसर सीमावर्ती क्षेत्रों में चले जाते हैं, खासकर जब समुद्री सीमाएं स्पष्ट रूप से चिन्हित नहीं होती या GPS उपकरण विफल हो जाते हैं। इससे ऐसे संवेदनशील विवादों की आशंका बनी रहती है।