शिक्षकों की नियमित भर्ती प्रक्रिया में कॉमर्स व्याख्याता का एक पद सुरक्षित रखने का हुआ आदेश… हाईकोर्ट ने अगली पेशी में व्यापमं कंट्रोलर को किया तलब…पढ़िये पूरा मामला

Update: 2020-01-29 09:31 GMT

बिलासपुर 29 जनवरी 2020। प्रदेश में इधर शिक्षकों की नियमित भर्ती की प्रक्रिया जारी है और उधर अलग-अलग मसलों में उच्च न्यायालय से भी आदेशों के आने का सिलसिला जारी है । ताजा मामले में हाईकोर्ट ने विभाग यानी लोक शिक्षण संचालनालय को व्याख्याता वाणिज्य का एक पद सुरक्षित रखने का आदेश जारी किया है । पूरा मामला यह है कि याचिकाकर्ता आकाश दुबे ने व्याख्याता (वाणिज्य) के पद के लिए परीक्षा दी थी जिसका जब मॉडल आंसर घोषित किया गया तो उसके दो सवालों का जवाब वही था, जिसे उसने परीक्षा के दौरान दिया था जिसके चलते दावा आपत्ति में उसके द्वारा कोई आपत्ति लगाए जाने की बात ही नहीं थी लेकिन बाद में जब परिणाम घोषित किया गया तो मॉडल आंसर में जारी किए गए दो सवालों के उत्तर को बदल दिया गया ।

एक सवाल के उत्तर को जहां विलोपित कर दिया गया, वहीं दूसरे सवाल के उत्तर को बदलकर दूसरे विकल्प को सही बता दिया गया जिससे याचिकाकर्ता आकाश दुबे के अंक कम हो गए । इसके बाद आकाश दुबे ने व्यापमं से अपील की लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई मजबूरन उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया । हाईकोर्ट ने पहली पेशी में सुनवाई करते हुए अगली पेशी में सरकारी पक्षों को अपना जवाब पेश करने के लिए कहा था और इसके लिए बकायदा दस्ती नोटिस भी जारी किया गया था किंतु दूसरी पेशी में भी सरकार की तरफ से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया । इसके बाद उच्च न्यायालय ने व्याख्याता (वाणिज्य) का एक पद रिक्त रखने का आदेश जारी किया है साथ ही अगली पेशी में स्वयं व्यापमं कंट्रोलर को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है ।

क्या असर पड़ सकता है इस आदेश का ।

असल में यह मामला जितना सरल दिखाई दे रहा है उतना नहीं है , आकाश दुबे जिन्होंने याचिका लगाई है अगर अंतिम फैसला उनके पक्ष में आता है तो स्वाभाविक रूप से उनका अंक बढ़ जाएगा लेकिन इसके साथ ही साथ ऐसे सैकड़ों कैंडिडेट होंगे जिनका नाम हो सकता है अभी सूची में ऊपर हो लेकिन जिन सवालों के उत्तर उन्होंने दिए थे अब वह गलत होने पर वह सूची में नीचे आ जाएंगे इसके साथ ही साथ यह भी हो सकता है कि याचिकाकर्ता के समान ही अन्य कुछ कैंडिडेट के भी नंबर इन्हीं सवालों को लेकर कम हुए हैं और वह भी न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं इसका सीधा सा मतलब है कि यदि 2 सवालों के उत्तर बदलते हैं तो याचिकाकर्ता के साथ पूरी सूची में सैकड़ों अभ्यर्थियों के अंक और मेरिट सूची में उलटफेर हो जाएगा जो कि पूरी भर्ती परीक्षा को ही लेटलतीफ कर सकता है ।

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