IAS अनिल टुटेजा ने विजया पाठक पर ठोका 1 करोड़ के मानहानि का दावा… सोशल मीडिया में छपी बेबुनियाद खबरों के लिए 24 घंटे के भीतर माफी मांगने कहा, वकील बोले, सारे आरोप असत्य और अनर्गल

Update: 2020-08-01 13:02 GMT

रायपुर 1 अगस्त 2020। IAS अनिल टुटेजा ने जगत विजन पत्रिका की संपादक विजया पाठक पर 1 करोड़ की मानहानि का दावा। पिछले दिनों फेसबुक और व्हाट्सएप में IAS टुटेजा के उपर कई गंभीर आरोप लगाये गये थे। इस बाबत IAS अनिल टूटेजा ने वकील ठाकुर आनंद मोहन सिंह के जरिये मानहानि का नोटिस भेजा है। इस मामले में जनत विजन की एडिटर विजया पाठक के साथ छत्तीसगढ़ के ब्योरो मणिशंकर पाण्डेय को भी सहभागी बनाया गया है।

नोटिस के मुताबिक एडिटर विजया पाठक ने 21, 22 और 25 जुलाई को अनर्गल आरोपों को लेकर IAS अनिल टुटेजा के मोबाइल पर तीन अलग-अलग मैसेज भेजे थे। मैसेज में खुद को पत्रिका का एडिटर बताते हुए विजया पाठक ने इन शीर्षकों के आधार पर IAS टुटेजा पर आरोप लगाया था कि ..

DOPT के आदेश से टुटेजा का निलंबन होना चाहिये था।

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अनिल टुटेजा के वकील ने नोटिस में विजय पाठक के द्वारा सोशल मीडिया में छपी तत्यहीन खबरों का बिंदुवार जवाब दिया है। वकील ने बताया कि ईडी ने चालान पेश कर दिया है, यह सरासर झूठ है। उनके मुवक्किल के खिलाफ ईडी ने कोई चालान पेश नहीं किया है।
वे चुनाव के समय बीजेपी की जानकारी लीक करते थे। इस बारे में वकील ने स्पष्ट किया है कि अनिल टुटेजा चुनाव के दौरान किसी भी पद पर नहीं थे और न ही किसी राजनीतिक पार्टी के करीब थे। अनिल टुटंेजा को सीएम सचिवालय में पोस्टेेड होने का आरोप लगाया गया है। जबकि, सच्चाई यह है कि अनिल टुटेजा इंडस्ट्री में ज्वाइंट सिकरेट्री हैं। सीएम सचिवालय से उनका कोई संबंध नहीं है। उनके समकक्ष अधिकारी दो-दो प्रमोशन पाकर सिकरेट्री बन गए। उनके मुवक्किल को अभी तक प्रमोशन भी नहीं मिला है।

इस मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए वकील आनंद मोहन सिंह ने बताया कि जिस तरह के आरोप लगाये गये हैं, उसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। बल्कि ऐसा लगता है कि इन आरोपों के जरिये हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाईयों पर भी पश्नचिन्ह खड़ा किया गया है। आपको बता दें कि भाजपा शासनकाल में IAS अनिल टुटेजा पर नान घोटाले का आरोप लगा था, हालाकि इस मामले में अभी तक उन पर किसी तरह का दोष सिद्ध नहीं हुआ है। लेकिन जिस तरह के आरोप एडिटर विजया पाठक इसी घोटाले को लेकर अनिल टुटेजा पर पूरा दोष मढ़ दिया।

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वकील आनंद मोहन ने बताया है कि जिस तरह से आरोप लगाये गये हैं, वो कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित करने वाले हैं। उन्होंने साफ किया कि नान घोटाले से IAS अनिल टुटेजा का दूर-दूर तक वास्ता नहीं है और ना ही सोशल मीडिया में प्रकाशित की गयी खबरों में कमीशनखोरी के जिक्र से उनका कोई जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाना झूठा और मानहानिकारक है।

नोटिस में कहा गया है कि इस झूठे और भ्रामक कथन के लिए अगर लिखित में माफी नहीं मांगी गयी तो 24 घंटे के भीतर इस मामले को लेकर धारा 499 एवं 500 के तहत एक करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जायेगा। वहीं इस नोटिस के एवज में आये 50 हजार रुपये का खर्च भी देने को कहा गया गया है।

 

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