बीजेपी में शामिल हुए IAS एके शर्मा………बोले- कल रात मुझे कहा गया, बीजेपी की सदस्यता लेनी है…. डिप्टी सीएम बनने की है चर्चा
लखनऊ 14 जनवरी 2021। भाजपा में ब्यूरोक्रेट की लिस्ट अब और लंबी हो गयी है। गुजरात कैडर के IAS रहे अरविंद कुमार शर्मा बीजेपी में शामिल हो गये हैं। 1988 बैच के अफसर ने दो दिन पहले ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। चर्चा है कि इस्तीफा देने के बाद बीजेपी उन्हें विधान परिषद भेजेगी। साथ ही उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाने की भी चर्चा चल रही है। राजधानी लखनऊ में बीजेपी जॉइन कर ली। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करवाई।
बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद AK शर्मा ने कहा, ‘मैं मऊ के एक पिछड़े गांव का हूं, पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसका निर्वहन करुंगा. कल रात मुझे कहा गया कि आपको भाजपा की सदस्यता लेनी है. अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2001 से लेकर 2013 तक गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न पदों पर काम किया है. ऐसे में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली आए तो अरविंद शर्मा भी उनके साथ पीएमओ आ गए थे. मौजूदा समय में वो केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले मंत्रालय में सचिव के पद पर थे.
कौन हैं अरविंद कुमार शर्मा
अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2001 से लेकर 2013 तक गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न पदों पर काम किया है. ऐसे में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली आए तो अरविंद शर्मा भी उनके साथ पीएमओ आ गए थे. मौजूदा समय में वो प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अधिकारी रहे अरविंद कुमार शर्मा मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं. वो यूपी के मऊ जिले में मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर विकास खंड अंतर्गत काझाखुर्द गांव के रहने वाले हैं. शर्मा का जन्म 11 अप्रैल 1962 में हुआ है, उनके पिता का नाम शिवमूर्ति राय और मां का नाम शांति देवी है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय प्राथमिक विद्यालय और मऊ के डीएवी इंटर कालेज से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद स्नातक के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय का रुख किया.
अरविंद शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पहले स्नातक और बाद में राजनीति शास्त्र में परास्नातक किया. इसके बाद 1988 में उनका चयन गुजरात कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया. अरविंद शर्मा की एसडीएम पद पर पहली तैनाती 1989 में हुई और बाद में डीएम बने. साल 1995 में वो मेहसाणा के कमिश्नर पद पर नियुक्त किए गए. गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने तो उनके कार्यालय के सचिव की जिम्मेदारी एके शर्मा को मिली. यहीं से पीएम मोदी का भरोसा जीतने में शर्मा कामयाब रहे.
अरविंद शर्मा को 2013 में पदोन्नत कर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद पीएम मोदी 2014 में दिल्ली की सत्ता पर असीन हुए तो उन्हें अपने साथ ले आए. जून 2014 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एके शर्मा को प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसके बाद से अभी तक पीएमओ में थे. वीआरएस लेने के समय वो प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव थे.
अरविंद कुमार शर्मा सेवानिवृत्त होने के बाद गुरुवार को लखनऊ पहुंच रहे हैं और दोपहर में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें विधान परिषद भेज सकती है. पीएमओ में उनकी पकड़ को देखते हुए माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण होने जा रही है. शर्मा की प्रशासनिक दक्षता का लाभ लेने के लिए उन्हें योगी मंत्रिमंडल में अहम दायित्व भी सौंपा जा सकता है.