सेंट्रल विस्टा पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार…… याचिकाकर्ता पर ही लगाया एक लाख का जुर्माना… मंशा पर उठाये सवाल

Update: 2021-05-31 01:22 GMT

नयी दिल्ली 31 मई 2021। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने 1 लाख रुपए के जुर्माने के साथ याचिका को खारिज किया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस प्रोजेक्ट को जबरन रोकने के लिए याचिका लगाई गयी है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट नेशनल इंटरेस्ट का प्रोजेक्ट है. कोर्ट इसपर रोक नहीं लगा सकता है.

हाई कोर्ट ने कहा है कि निर्माण कार्य में शामिल मजदूर उसी जगह पर रह रहे थे, लिहाजा निर्माण को रोकने का कोई औचित्य नहीं बनता. ना ही डीडीएमए के 19 अप्रैल के आदेश में इस तरह की कोई बात कही गई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से पहले ही सेंट्रल विस्टा को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.

दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि कोरोना काल में चल रहे सेंट्रल विस्टा कि निर्माण कार्य की वजह से वहां काम करने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है. लिहाजा वहां काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा को देखते हुए सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य फिलहाल कुछ वक्त के लिए रोक दिया जाए.

हालांकि केंद्र सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस याचिका का मकसद किसी भी सूरत में सेंट्रल विस्ता के निर्माण कार्य पर रोक लगवाने का है और रही बात मजदूरों की सुरक्षा की तो सरकार ने उसको लेकर पहले से ही कई कदम उठाए हुए हैं.कोविड-19 महामारी के दौरान चल रहे निर्माण कार्य को निलंबित करने की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई की. अदालत ने अनुवादक अन्या मल्होत्रा ​​और इतिहासकार और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता सोहेल हाशमी की संयुक्त याचिका पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दोनों ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि परियोजना एक आवश्यक कार्य नहीं है और इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है.

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