Tea benefits: महिलाओं को पीरियड में राहत के साथ ब्रेस्ट और गर्भ कैंसर का खतरा कम करता है मसाला चाय, जानिए ब्लैक, ग्रीन और लेमन टी के फायदे....

Update: 2022-11-15 18:45 GMT

NPG DESK

Tea benefits:; "बस एक कप चाय मिल जाए तो मज़ा आ जाए" ये जुमला हममें से हरेक ने सुना होगा। चाय के दीवानों की हमारे यहां कमी नहीं है। घर हो या नुक्कड़, चाय की डिमांड बनी ही रहती है। और फिर ठंडी में तो गर्मागर्म चाय का मज़ा ही कुछ और है। राहत मिलती है सो अलग। हाथ रगड़ते बुज़ुर्गों के हाथ में जब गर्म चाय का प्याला आता है तो उनके चेहरे की मुस्कान ही अलग होती है। और क्या बुज़ुर्ग, क्या जवान, क्या बच्चे, चाय प्रायः सभी को पसंद होती है। हाँ, ज्यादा चाय सेहत के लिए बेशक नुकसानदेह है लेकिन थोड़ी मात्रा में चाय पीने में कोई दिक्कत नहीं। बल्कि इसके इतने फायदे हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। फिर आइए देर किस बात की, जानते हैं चाय के फायदे -

* सर्दियों में तो औषधि है चाय

चाय की पत्तियों में एंटी ऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो आपके प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत बनाते हैं। और हमारे यहां तो अदरख की चाय प्राथमिकता में शामिल है। तो इससे स्वाद बढ़ने के साथ फ्लू भी भागता है। तो है न डबल फायदा।

* ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर

चाय पीने से दिल का दौरा और ब्लड क्लॉट जैसी गंभीर हृदय रोग का खतरा काफी कम हो सकता है। चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आर्टरीज में टिश्यू को शांत करने में मदद करते हैं। यह सूजन के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। आपको बता दें कि सूजन से ब्लड सरकुलेशन में बाधा आती है।

*मसाला चाय महिलाओं के लिए है खास

मसाला चाय पीना महिलाओं के लिए विशेष रुप से फायदेमंद है। इसमें मौजूद अदरख और दालचीनी हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने के साथ-साथ माहवारी के दर्द से भी निजात दिलाने में सहायक हैं। चाय पीने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और गर्भ कैंसर अपेक्षाकृत कम होता है।

मसाला चाय इलायची, अदरक, दालचीनी और काली मिर्च सहित विभिन्न भारतीय मसालों और जड़ी-बूटियों का मिश्रण होती है। यह सूजन को कम करने में मदद करती है और इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ पाचन में सहायता करती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

*काली चाय दिमाग को रखती है स्वस्थ

बिना दूध और शक्कर की चाय को आम तौर पर काली चाय कहा जाता है। काली चाय के नियमित सेवन से अल्जाइमर रोग और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग होने का खतरा कम हो सकता है। अगर आप रोज एक कप ब्लैक टी पीते हैं तो डिमेंशिया और अल्जाइमर होने का खतरा कम होता है। शोध में यह बात समाने आई कि ब्लैक टी में प्रचुर मात्रा में फ्लेवेनाल्स पाए जाते हैं, यह एक ऐसा पोषक तत्व होता है जो दिमाग को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह चाय स्मृति को भी बढ़ाने में भी मददगार है।

साथ ही काली चाय हृदय और पेट के लिए भी लाभदायक होती है। यह पाचन तंत्र की गड़बड़ी को भी काफी हद तक दूर कर देती है।

*ग्रीन टी लड़ सकती है कैंसर से

ग्रीन-टी तनाव कम करने से लेकर वजन कम करने में भी प्रभावकारी है। यही नहीं ग्रीन-टी कैंसर से लड़ने में आपकी मदद करती है और बढ़ती उम्र के असर को कम करने में भी सहायक होती है।तमाम शोध में पाया गया है कि ग्रीन टी में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) होता है, जो फास्टिंग ब्लड शुगर को कम कर सकता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकता है।

* लेमन टी निकाले शरीर से हानिकारक तत्व

लेमन-टी के रूप में चाय का सेवन आपके शरीर से हानिकारक तत्वों को खत्म करता है, और ताजगी बनाए रखता है। नींबू में पाए जाने वाले विटामिन -सी का लाभ भी आपके शरीर को मिलता है। यह चाय स्वाभाविक रूप से पोषण का खजाना है और पेट, लिवर, दिल और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इस चाय की खुशबू भी लाजवाब है और इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें नीबू के साथ एक चुटकी मिंट एसेंस या एक चुटकी दालचीनी पाउडर भी मिला सकते हैं। यह डिप्रेशन और चिंता को कम करने में भी मदद करती है।

* काॅफी के मुकाबले कम है कैफीन

एक कप चाय में, एक कप कॉफी के मुकाबले लगभग आधी मात्रा में कैफीन होता है। एक कप कॉफी में कैफीन की मात्रा 100 मिलीग्राम होती है, जबकि 1 कप चाय में 50 मिलीग्राम ही पाई जाती है। इसीलिए एक कप कॉफी के मुकाबले एक कप चाय ज्यादा बेहतर विकल्प है।

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