सीसीएम में ओपीडी शुरू: चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से हो सकेगा निशुल्क इलाज, ओपीडी में पहले दिन आए 31 पेशेंट
दुर्ग, 13 जून 2022। चंदूलाल चंद्राकर स्मृति शासकीय चिकित्सालय में सोमवार से ओपीडी की शुरुआत हुई। दुर्ग-भिलाई में लोगों को इससे इलाज के लिए बड़ी सुविधा मिली है। सीसीएम के शासकीय अधिग्रहण के कारण लोगों को शासकीय अस्पताल में मिलने वाली इलाज की सुविधाएं निशुल्क मिल पाएंगी।
अस्पताल के डीन डॉ. प्रदीप कुमार पात्रा ने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। इससे दुर्ग-भिलाई के लोगों को स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएंगी। पहले दिन ओपीडी में 31 लोग आए थे। आज सबसे ज्यादा मेडिसीन में मरीज आए। 13 मरीजों ने अपना इलाज कराया। इसके अलावा ईएनटी, आई, गायनिक, आर्थाेपैडिक और स्किन के मरीजों ने अपना इलाज कराया। डॉ. पात्रा ने बताया कि मरीजों के परिजनों में काफी खुशी देखी गई।
डॉ. पात्रा ने बताया कि अभी अस्पताल में मेडिसीन, अस्थि रोग, नेत्र रोग, कान नाक गला आदि में ओपीडी शुरू हुई है। शीघ्र ही अन्य विशेषज्ञों की नियुक्ति के साथ ही सर्जरी की सुविधा भी अस्पताल में उपलब्ध हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि आज डॉ. विष्णु दत्त संचालक चिकित्सा शिक्षा के साथ ही डीन डॉ. पात्रा व अस्पताल अधीक्षक डॉ. अतुल मनोहर देशकर ने भी चिकित्सालय का निरीक्षण किया और मरीजों के परिजनों से मिले।
ओपीडी में आए मरीजों के परिजनों ने उन्हें बताया कि शासन के इस अस्पताल को अधिग्रहित करने के निर्णय से हम सब बहुत खुश हैं। हमारे घर के पास अस्पताल है और अब यहां निशुल्क सुविधाएं मिल पा रही हैं। इससे अच्छा क्या हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट हास्पिटल में इलाज काफी महंगा होता है। ऐसे में सरकार शासकीय तंत्र में हेल्थ को लेकर इतना अच्छा कार्य कर रही है, यह बहुत अच्छी बात है।
ओपीडी में आए मरीज ने इलाज के बाद कहा कि अस्पताल में जो डॉक्टर आए हैं, वे काफी अच्छे हैं। उन्होंने पूरा समय लेकर उन्हें देखा। विस्तार से जानकारी ली।
जिला अस्पताल के साथ ही सीसीएम भी
दुर्ग जिले में बीते तीन सालों में जिला अस्पताल की अधोसंरचना को मजबूत करने की दिशा में बड़ा काम हुआ है। यहां डीएमएफ के माध्यम से न केवल अस्पताल का जीर्णाेद्धार किया गया, बल्कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति भी की गई है। इसके बाद शासन ने चंदूलाल चंद्राकर शासकीय हास्पिटल व महाविद्यालय को अधिग्रहित करने का निर्णय लिया और तेजी से कार्रवाई कर विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की और ओपीडी आरंभ कर दिया। इसके चलते जिले में स्वास्थ्य अधोसंरचना के क्षेत्र में ठोस कार्य हुआ है।