Mother Day 2024 Special: मां और शिशु के बीच अनोखा बंधन है "Breast Feeding", मातृत्व के इस बंधन को लेकर आईये जाने कुछ जरूरी बातें

पहली बार जब एक औरत मां बनती है तो बच्चे को अपना दूध पिलाते वक्त भी कई तरह की परेशानी होती है।

Update: 2024-05-11 09:43 GMT

माँ और नये शिशु के बीच स्तनपान  Breast feeding एक ऐसा माध्यम है जो बच्चे के पोषण के साथ एक नया और अनोखा रिश्ता भी कायम करता है। 

पहली बार जब एक औरत मां बनती है तो बच्चे को अपना दूध पिलाते वक्त भी कई तरह की परेशानी होती है।


सबसे पहले WHO क्या कहता है

  1. 6 महीने तक के बच्चे को पूरी तरह से ब्रेस्ट फीड कराना चाहिए। यानी उसे मां का दूध ही पिलाएं।
  2. 2 साल तक के बच्चों को बाहर के दूध के साथ ब्रेस्ड फीड करवाना चाहिए।
  3. 6 महीने तक बच्चे की खुराक पूरी तरह से मां के दूध पर डिपेंड करती है इसलिए मांओं को अपने खानपान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
  4. बच्चे के जन्म के बाद पहली बार मां को अपना दूध कब पिलाना चाहिए?
  5. जब पहली बार बच्चे को मां गोद में ले, तभी दूध पिलाने की कोशिश करनी चाहिए।
  6. बच्चे को जन्म देने के बाद मां के शरीर में खास दूध बनता है, जिसे कोलोसट्रम कहते हैं।
  7. यह दूध बच्चे को कई तरह के इन्फेक्शन से सुरक्षित रखता है।


ध्यान देने वाली बात-


अगर मां नींद में है तो बच्चे को लेटकर दूध पिलाने से बचें।

  1. दूध पिलाते वक्त अगर परेशानी आ रही है तो पेशेंस रखें.
  2. ब्रेस्ट फीडिंग कराने में एक मां प्रैक्टिस से परफेक्ट बन सकती है।
  3. समझिए बच्चे को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए.
  4. बच्चे को बार-बार दूध पिलाने से मां के ब्रेस्ट में दूध बनने लगता है।
  5. नवजात को एक दिन में 8 से 12 बार दूध पिलाया जा सकता है।
  6. भूख लगने पर बच्चा संकेत देता है, जिसे मां को समझना होगा।
  7. वो भूख लगते ही अपने हाथ-पैर हिलाने लगेगा, मुंह खोलने लगेगा.
  8. ज्यादा भूख लगते ही बच्चा तेज रोने लगता है।
  9. दूध पिलाने वाली मां की सुबह से रात तक की डाइट कैसी होनी चाहिए?
  10. सुबह से रात तक मां की डाइट में तीन मेजर मील और 3 स्नैक्स होने चाहिए।
  11. ह्यूमन मिल्क में 90% पानी होता है, जितना पानी मां पिएंगी, मिल्क की सप्लाई अच्छी रहेगी।
  12. हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से आयरन मां में बने रहेंगे, एनिमिया की प्रॉब्लम नहीं होगी और यह सब दूध के जरिए बच्चे को मिलेगा।
  13. हाई प्रोटीन डाइट से एनर्जी बनी रहेगी, मां को सुस्ती नहीं होगी, बच्चा भी हेल्दी रहेगा।
  14. दलिया, साबूदाना, मसूर दाल, ये सब दूध की क्वांटिटी और क्वालिटी बढ़ाते हैं, इसे रोज खाएं।
  15. ब्रेस्ट फीड करवाने वाली महिलाओं को डेयरी प्रोडक्ट से दूर रहना चाहिए। इससे पेट फूलने और गैस की प्रॉब्लम होती है। इसलिए दही खाएं। दही, प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होती है। साथ ही इसमें प्रोबायोटिक प्रॉपर्टी भी होती हैं, जिससे ब्रेस्ट फीडिंग कराने के दौरान पाचन बेहतर रहता है।

जनम के बाद दो-तीन महीने तक बच्चे कोलिक यानी उदरशूल से परेशान रहते हैं। कई बार नवजात लगातार रोते रहते हैं, इससे उनके पेट में दर्द होता है, इसे शूल यानी कोलिक कहते हैं। अगर कोई मां हेल्दी और सही तरीके से बच्चे को ब्रेस्ट फीड करा रही है, इसके बावजूद बच्चा 3 घंटे से ज्यादा रो रहा है तो समझें उसे कोलिक हो सकता है।

  • बच्चे को कोलिक हो तब मां को इस तरह खुद को तैयार रखें
  • मां को ऐसी कोई चीज नहीं खानी चाहिए, जिससे एसिडिटी की प्रॉब्लम हो।
  • गोभी, ब्रोकली, पत्ता गोभी, जैसी चीजें, जिससे गैस बनेगी उसे न खाएं।
  • तेज मिर्च-मसाले वाले खाने से परहेज करें।
  • दूध पिलाने के बाद बच्चे को सही तरह से डकार आए इसका ध्यान रखें।
  • बच्चे को थोड़ी देर में दूध पिलाएं ताकि दूध पच जाए।

ब्रेस्टफीडिंग कराते वक्त ये बात याद रखें




  • डाइट हेल्दी रखें, पत्तेदार सब्जियां लें, प्रोटीन रिच फूड लें।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना एक्स्ट्रा कैलोरी खाने में न लें।
  • खूब सारा पानी पिएं, कॉफी, कोल्ड और एनर्जी ड्रिंक से दूर रहें।
  • बच्चे को रेगुलर ब्रेस्ट फीड करें, टॉप फीड बिल्कुल न दें।
  • ब्रेस्ट फीड के करवाते वक्त स्ट्रेस ज्यादा होता है, इससे बचें।
  • आराम जरूरी है क्योंकि सारे के सारे ब्रेस्ट फीडिंग हॉर्मोन ब्रेन से रिलीज होते हैं।
  • कोई भी दवाई बिना डॉक्टर से पूछे न लें।
  • ब्रेस्ट फीडिंग के दाैरान क्या नहीं खाना चाहिए?
  • खानपान अगर हेल्दी नहीं होगा, तो आपके दूध को भी नुकसान करेगा।
  • जर्नल पीडियाट्रिक्स में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, कैफीन मां के शरीर से होते हुए उसके ब्रेस्ट मिल्क तक पहुंच सकता है।
  • जब बच्चा दूध पीता है, उसका पेट कैफीन को पचा नहीं पाता है।
  •  बच्चे के पेट में उतना गैस्ट्रिक जूस नहीं बनता, जितना बड़ों के पेट में।चॉकलेट, चाय, कोल्ड ड्रिंक, सोडा पीना हेल्दी नहीं है।
  • ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को अल्कोहल से परहेज करना चाहिए।
  • ब्रेस्ट फीडिंग करवाते वक्त मछली खा सकते हैं, लेकिन कुछ सीफूड जिसमें मर्करी की मात्रा अधिक होती है, उसे नहीं खाना चाहिए, जैसे ट्यूना, सोर्डफिश, मार्लिन, लॉब्स्टर।

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