Khade Hokar Pani Pine Ke Nuksan: क्या खड़े होकर पानी पीने से घुटने खराब होते है? आइए जानते है इसकी पूरी हकीक़त और पानी पीने के सही तरीके!

Khade Hokar Pani Pine Ke Nuksan: पुराने समय से ही हमारे देश में सेहत से जुड़ी अनेक मान्यताएं पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं। इनमें से एक बहुत पुरानी परंपरा है जिसे हम अपनी दादी–नानी से सुनते हुए आ रहे है कि खड़े होकर पानी पीने से घुटने खराब हो जाते हैं आइए गहराई से जानते है इस बात की सच्चाई.

Update: 2025-12-12 11:34 GMT

Khade Hokar Pani Pine Ke Nuksan: पुराने समय से ही हमारे देश में सेहत से जुड़ी अनेक मान्यताएं पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं। इनमें से एक बहुत पुरानी परंपरा है जिसे हम अपनी दादी–नानी से सुनते हुए आ रहे है कि खड़े होकर पानी पीने से घुटने खराब हो जाते हैं और बुढ़ापे में घुटनों में दर्द शुरू हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वास्तव में इस बात का कोई प्रमाण है या नहीं। कही ये सिर्फ एक मिथक तो नहीं है? आइए गहराई से जानते है इस बात की सच्चाई।

खड़े होकर पानी पीने से क्या होता है?

वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो पानी पीने की मुद्रा(बैठकर या खड़े होकर) का घुटनों से कोई सीधा संबंध नहीं है। जब हम पानी पीते हैं तो वह भोजन नली से होकर पेट में जाता है और पोषक तत्वों के अवशोषण के पश्चात मूत्र मार्ग से निकल जाता है। घुटनों का इस प्रक्रिया में कहीं कोई संबंध नहीं दिखता यहां तक कि कोई भी वैज्ञानिक शोध आज तक यह साबित नहीं कर पाया है कि खड़े होकर पानी पीने से घुटनों को किसी प्रकार का नुकसान होता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह धारणा पूरी तरह से एक मिथक है जिसका कोई कोई वैज्ञानिक और मेडिकल आधार नहीं है। हालांकि भारतीय संस्कृति में यह माना जाता रहा है कि पानी में प्राण शक्ति होती है और उसे ग्रहण करने के लिए बैठकर पीना बेहतर होता है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि खड़े होकर पीने से घुटनों को कोई नुकसान होता है।

इस बारे में आयुर्वेद क्या कहता है?

आयुर्वेद में पानी पीने के तरीके को लेकर काफी जानकारी मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं जिन्हें वात, पित्त और कफ कहा जाता है। जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो आयुर्वेद के अनुसार वात दोष असंतुलित हो सकता है, जिससे शरीर में हवा और तरल का तालमेल बिगड़ता है। पानी अचानक तेजी से पेट और मूत्राशय तक पहुंच जाता है जिससे शरीर के भीतर असंतुलन की स्थिति पैदा हो जाती है और पेट फूलना, गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि इन बातों से भी यह सिद्ध नहीं होता कि खड़े होकर पानी पीने से घुटने खराब होते हैं।

घुटनों के दर्द का असली कारण

  • सबसे महत्वपूर्ण कारण है विटामिन डी की कमी। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो कैल्शियम का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
  • शरीर का बढ़ा हुआ वजन भी एक कारण है। जब वजन जरूरत से ज्यादा होता है तो घुटनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे कार्टिलेज तेजी से घिसने लगते है और जोड़ों में सूजन आ सकती है।
  • घुटनों के दर्द का एक प्रमुख कारण कॉलेजन की कमी है। जब शरीर में कॉलेजन कम हो जाता है तो कार्टिलेज का लचीलापन घटने लगता है और छोटी-मोटी गतिविधियों में भी दर्द महसूस होती है।
  • पूरे दिन किसी कुर्सी पर झुककर या गलत पोश्चर बनाकर बैठना या ऊंची हील का इस्तेमाल करना ये सभी आदतें घुटनों पर बुरा प्रभाव डालती हैं।
  • शरीर में पानी की कमी भी एक कारण है जिससे सिनोवियल फ्लूइड नाम का एक तरल पदार्थ असंतुलित हो जाता है। जिससे यह घुटनों की चिकनाई को बरकरार नहीं रख पाता और चलने-फिरने में दर्द शुरू हो जाती है।

जानिए पानी पीने का सही तरीका

  • पानी हमेशा बैठकर और छोटे-छोटे घूंट में पीना चाहिए। एक बार में गटागट पानी पीने से बचें।
  • सुबह उठकर खाली पेट एक से दो गिलास गुनगुना पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। यह आपके शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है और पाचन के लिए शरीर तैयार को करता है।
  • बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पाचन कमजोर हो सकते हैं।
  • धूप में ज्यादा समय बिताने या व्यायाम करने के तुरंत बाद ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।
  • खाना खाने के तुरंत बाद ज्यादा पानी न पिए बल्कि आधे घंटे बाद ही पीना चाहिए और साथ ही दिनभर में लगभग 8 से 10 गिलास पानी का सेवन जरूर करें।
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