How To Overcome Body Shaming: हरनाज कौर संधू की तरह आपका कोई अपना तो बाॅडी शेमिंग नहीं झेल रहा, रहिए सजग, करिए मदद...

Update: 2023-05-09 12:11 GMT

How To Overcome Body Shaming: मिस यूनिवर्स हरनाज़ कौर संधू अपने बढ़े हुए वज़न के कारण आजकर ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। वे ही नहीं बल्कि बाॅडी शेमिंग न जाने कितने ही आम लोगों की ज़िंदगी की भी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। कोई दूसरों का सामना करने से कतराता है तो कोई खाना-पीना इतना कम कर देता है कि शरीर को ज़रूरी पोषण ही नहीं मिलता। महज दूसरों के तानों से दुखी होकर अगर आपका भी कोई अपना हीनभावना से भर रहा है तो सजग हो जाएं। देखें, कहीं ऐसी स्थितियां आपके परिजनों के साथ भी तो नहीं बन रहीं?

दुनिया से किनारा तो नहीं कर रहे

दूसरों का सामना करने से पहले ही अगर पता हो कि ' थोड़ा ध्यान दो यार, सूमो बनना है क्या...' या फिर ' हीरोइनों की तरह ज़ीरो फ़िगर के चक्कर में मत पड़ो, थोड़ा खा-पी भी लो...' ऐसे कमेंट सुनने को मिलेंगे तो कौन लोगों से मिलना चाहेगा। मज़े की बात है कि ऐसे ताने मारने वाले लोगों के खुद के घर में भी ऐसे सदस्य होते हैं पर दूसरे को शर्मिंदा करने का मौका मिले तो छोड़े कौन!

खाना तो नहीं छोड़ रहे

बहुत से लोग बाॅडी शेमिंग से इस हद तक परेशान हो जाते हैं कि खाना खाने से ही कतराने लगते हैं। उन्हें लगता है कि जितनी जल्दी हो सके फैट पिघले और उन्हें शर्मिंदगी से मुक्ति मिले। सोशल मीडिया पर अच्छी फोटो डालने के क्रेज़ ने भी यह स्थिति पैदा की है।

शादी की बात पर बिदकती है बिटिया

जीवन भर किसी ने सांवली रंगत पर बातें सुनी तो किसी ने नाटे कद पर। अब शादी की उम्र आई तो मन में डर बैठा है कि लड़के वाले भी यही सब कमी निकालकर लौट जाएंगे। इसलिए शादी की ही इच्छा नहीं बची। हां, कभी कोई इसी हाल में पसंद करने वाला मिला तो देखेंगे, ये सोच उन बहुत सी युवतियों की रहती है जो बाॅडी शेमिंग का शिकार होती हैं। उनके लुक्स उनके दुश्मन क्यों बन गए? सिर्फ दुनिया के तय मानकों की वजह से ही न।

बेटा पतली टांगे छिपाने डबल जींस तो नहीं पहन रहा

सब जाॅन अब्राहम या टाइगर श्राॅफ हो सकते हैं क्या? आदर्श शरीर पाना इतना आसान नहीं। आपने कभी गौर किया क्या कि आपका जवान बेटा अपनी पतली टांगे छिपाने कहीं डबल-डबल जींस तो नहीं पहन रहा? जिन युवकों को बात-बात पर 'लकड़ी जैसी पतली टांगें ' जैसे कमेंट सुनने पड़ते हैं वे इसे लेकर बहुत सचेत हो जाते हैं और कई तो डबल-ट्रिपल पैन्ट्स तक पहनने लगते हैं।

ऐसे और इन जैसे अनेक लक्षण हैं जो बताते हैं कि बाॅडी शेमिंग कैसे इंसान के आत्मविश्वास को निगल जाती है। ये एक तरह की मानसिक यंत्रणा है जिससे इंसान टूट जाता है। यदि आपके घर में भी कोई इस दौर से गुज़र रहा है तो आपकी भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हो जाती है। आप लक्षणों को समझ कर अपनों की बाॅडी शेमिंग से उबरने में मदद कर सकते हैं।

1. सचिन तेंदुलकर किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। दुनिया उन्हें 'क्रिकेट का भगवान' कहती है। उनकी हाइट भी अधिक नहीं है। लेकिन अपनी योग्यता से उन्होंने अपना कद इतना ऊंचा कर लिया कि छोटे कद का ताना देने की लोगों की हिम्मत ही न रही। बढ़ती उम्र में सही खानपान और एक्सरसाइज़ से हाइट को थोड़ा बढ़ाया जा सकता है। फिर हेरिडिटी भी मायने रखती है। यदि आपके बच्चे की हाइट बढ़ने की उम्र निकल चुकी है और वह साथ के लंबे बच्चों के सामने खुद को इन्फीरियर महसूस कर रहा है तो उसे उदाहरण देकर समझाएं। अपने गुणों को निखारने की सलाह दें। वही असल पूंजी हैं। इसी तरह उसेन बोल्ट, हरनाज़ कौर संधू आदि अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं।

2. हरनाज कौर संधू ने एक काॅन्फिडेंट महिला हैं। उन्होंने ट्रोलर्स को जवाब दिया कि वे अपने शरीर का सम्मान करती हैं। ये एटीट्यूड आप भी अपने बच्चों के भीतर पैदा करें। दूसरों का काम पहले ताने मारने और सफलता मिलते ही तालियां मारने का होता है। दूसरों के अनुसार खुद को आंकने से सिर्फ खुद पर विश्वास कम होता है और कुछ नहीं।

3. इसके बजाय बेहतर है कि जिन चीज़ों में सुधार संभव है, उन्हें सुधारें। आप रंग या हाइट को तो नहीं बदल सकते लेकिन आप स्लिम और फिट हो सकते हैं। और यह किसी और के लिए नहीं, खुद के लिए करें। एक्टिव लाइफस्टाइल,प्राॅपर एक्सरसाइज़ और हेल्दी खानपान अपनाएं।थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन फर्क भी दिखेगा।

4. डाइटिंग करने का अर्थ खाना छोड़ देना नहीं है। इससे शरीर में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे बेहद जरूरी तत्वों की कमी होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए बच्चों और युवाओं को डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर, साबुत अनाज, मौसमी और हरी सब्जियां, ताजे और मौसमी फल खाने के लिए प्रोत्साहित करें। उनकी डाइट में अंडे, बीन्स, सोया, नट्स और नाॅन वेजिटेरियन हों तो सी-फूड,चिकेन, मछली आदि शामिल करवाएं।

5. अच्छा खानपान, फिटनेस, बेहतरी के लिए भरपूर प्रयास और खुद पर विश्वास यही चीज़ें आगे की ज़िंदगी में काम आने वाली हैं। लोगों का क्या है, वे तो आते-जाते रहते हैं।

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