Eucalyptus Oil Ke Fayde यह तेल है चमत्कारी, हर लाइलाज बीमारी का है इसमें इलाज, आप भी है किसी समस्या से परेशान तो इससे करें एक बार इलाज

Eucalyptus Oil Ke Fayde सर्दियों में इस तेल को लगाने से साइनस, कोल्ड फ्लू, गले में खराश के साथ-साथ कई तरह की वायरल समस्याएं खत्म होती हैं।

Update: 2023-11-28 09:30 GMT

Eucalyptus Oil Ke Fayde: नीलगिरी (Eucalyptus) का नाम आप सबने सुना होगा, हो सकता है आप में से कई लोगों ने इसका पेड़ (eucalyptus tree) भी देखा हो। लेकिन ऐसे लोग कम ही हैं जिन्हें नीलगिरी के फायदों के बारे में पता है।  बता दें कि नीलगिरी के पत्तों और तेल (eucalyptus oil)को हम त्वचा या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए लगा, खा व चबा  सकते हैं।

आयुर्वेद में ऐसे कई पेड़-पौधों का जिक्र है, जिसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। इनके इस्तेमाल से कई प्रकार के रोगों में राहत मिलती है। इसमें से एक है यूक्लिप्टस, जिसे निलगिरी भी कहते हैं। इसकी पत्तियों से निकाला गया तेल एंटीबेव्टेरियल और एंटीसेप्टिक होता है. इसके इस्तेमाल से कई तरह के रोग दूर होते हैं. आज हम आपको नीलगिरी के तेल और उसकी पत्तियों से होने वाले फायदों को बताएंगे. सर्दियों में इस तेल का इस्तेमाल काफी कारगर साबित होता है, क्योंकि इससे साइनस, कोल्ड फ्लू, गले में खराश के साथ-साथ कई तरह की वायरल समस्याएं खत्म होती हैं।

नीलगिरी से कौन सा रोग ठीक होता है?

  • नीलगिरी के तेल में एंटी फंगल गुण होते हैं. जिससे कई तरह के इन्फेक्शन का खात्मा होता है. इसके अलावा इसमें सुजनरोधी गुण भी पाए जाते हैं. जिससे हर्पीस, छाले और घुटनों के दर्द में राहत मिलता है. नीलगिरी के पत्तों का इस्तेमाल अस्थमा और सांस से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा यदि आपको गले में खराश, साइनोसाइटिस आदि है तो, नीलगिरी की ताजी पत्तियां राहत दिलाने का काम करती हैं.
  •  नीलगिरीके पत्तों का सेवन हर्बल टी के रूप में भी किया जाता है। यदि आप नियमानुसार इसकी चाय पीते हैं, तो इससे सांस और संक्रमण की समस्या आसानी से दूर हो सकती है. नीलगिरी के पत्तों की चाय को तैयार करने के लिए सबसे पहले इसके पत्तों को अच्छी तरह से साफ कर लें। 
  • फिर पानी में इन पत्तियों को अच्छी तरह से उबालें. जब पानी आधा रह जाए, तो छानकर गुनगुना होने पर पिएं. यदि आपको गले में भारीपन सा महसूस हो रहा है, तो आप नीलगिरी के पत्तों को उबाल कर उससे गरारा भी कर सकते हैं।

नीलगिरी के तेल सेहत के लिए वरदान 

नीलगिरी के तेल (eucalyptus oil) का इस्तेमाल करते हैं तो आपके बाल मोटे व चमकदार बनते हैं। याद रखें कि नीलगिरी तेल का इस्तेमाल अधिक मात्रा में नहीं करना है। ऐसा करने से बालों की चमक जा सकती है। जब भी आप बालों में नीलगिरी तेल को लगाएं तब एक घंटे बाद बालों को शैंपू से अच्छी तरह से धो लें।

त्वचा पर मुहांसे, दाद, चिकन पॉक्स जैसे संक्रमण पर भी नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) फायदेमंद है।

डायबिटिक मरीज़ों को नीलगिरी तेल  का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से ब्लड शुगर लेवन कंट्रोल में रहता है। याद रहे कि इसका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।

तेज बुखार आने पर नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) तापमान कम करने में मदद करता है। मार्केट में नीलगिरी तेल, फीवर ऑयल से भी जाना जाता है।

नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) संक्रमण और जीवाणु से लड़ने की ताकत रखता है। अगर आपके दांतों में दर्द हैं, मसूड़ों में सूजन या दांतों में कीड़े लगने की समस्या है तो आप नीलगिरी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर आपकी मांसपेशियों में दर्द रहता है तो नीलगिरी तेल का इस्तेमाल किसी वरदान से कम नहीं है। आपके शरीर में जहां भी दर्द हो, वहां पर नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) को लगा का मालिश करें। इससे आपको दर्द से राहत मिल सकती है।

नीमोनिया पीढ़ित मरीज़ की छाती में अगर नीलगिरी तेल को लगाया जाए तो फेफड़ों की सूजन कम होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नीलगिरी के तेल में एंटीसेप्टिक व एंटीवायरल गुण होते हैं।

पथरी होने पर भयानक दर्द होता है। ऐसे में अगर दर्द वाली जगह पर नीलगिरी तेल लगाया जाए तो दर्द से थोड़ी राहत मिल सकती है। 

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