चाशनी में डूबी फूली-फूली छत्तीसगढ़ी देहरोरी लगती है बेहद स्वादिष्ट, ये है रेसिपी
छत्तीसगढ़ का ज़िक्र हो और चावल का न हो, ये भला संभव है! छत्तीसगढ़ के लोकल फूड में आपको चावल से बने एक से एक व्यंजन मिल जाएंगे। देहरोरी ऐसा ही एक कमाल का व्यंजन है। चाशनी में डूबी फूली-फूली देहरोरी बेहद स्वादिष्ट लगती है। इसे चावल को फरमेंट करके बनाया जाता है। आइए स्टेप बाय स्टेप जानते हैं कि देहरोरी किस तरह बनाई जाती है।
इसे बनाने के लिए हमें चाहिए
चावल - 2 कप
दही - 1/2 कप
शक्कर - 2 कप
पानी - 1 कप
घी- 1/4 कप (मोयन के लिए)
हरी इलायची का पाउडर - 1/2 टी स्पून
केसर - 5-6 धागे
बादाम - लंबाई में कटे ( सजाने के लिए)
घी या तेल- तलने के लिए
देहरोरी ऐसे बनाएं
1. सबसे पहले चावल को साफ कर धो कर कम से कम 4-5 घंटे के लिए भिगा दें।
2. अब अतिरिक्त पानी फेंक दें और चावल को मिक्सी में पीस लें जब तक कि यह सूजी जितना बारीक न हो जाए। इसे एक बाउल में निकाल लें। इसमें मोयन डाल कर अच्छे से मसल लें। अब इस में दही डालें। अच्छे से मिक्स कर ढंककर रात भर के लिए छोड़ दें।
3. अगले दिन एक पैन में शक्कर और पानी मिलाकर आंच पर रखें। शक्कर घुलने के बाद इसे हल्का गाढ़ा होने दें। उंगलियों के बीच एक बूंद रखकर देखें। चाशनी हल्की गाढ़ी और चिपचिपी होनी चाहिए। सुगंध और रंग के लिए इसमें इलायची पाउडर और केसर डालें। केसर न हो तो कोई दिक्कत नहीं। अब गैस बंद कर दें।
4. अब एक कड़ाही में घी या तेल चढ़ाएं। चावल अब तक अच्छी तरह फरमेंट होकर फूल गया होगा। इसमें से थोड़ा सा मिश्रण लें और उसे पेड़े की तरह शक्ल दें और फ्लैट करें। इसी तरह तीन चार और देहरोरी बनाकर तेल में छोड़ें। अब गर्म तेल में धीमी आंच पर देहरोरी को तलने दें। आप देखेंगे कि देहरोरी फूल रही है। जबकि हमने इसमें सोडा वगैरह कुछ भी नहीं डाला है। ऐसा इस कारण है कि चावल दही के साथ फरमेंट हो गया है, उसमें खमीर उठ गया है।
5. दोनों तरफ से देहरोरी को गोल्डन ब्राउन होने तक सेंक लें। अब इन्हें निकाल कर चाशनी में डाल दें। कुछ देर भीगने के बाद इन्हें पलट दें जिससे ये पूरी तरह चाशनी में भीग जाएं। इसी तरह बाकी की भी देहरोरी तैयार कर लें। अब इन्हें बादाम से सजा कर गर्म या ठंडा सर्व करें।