लॉकडाउन नहीं होता तो 8 लाख से ज्यादा होते भारत में कोरोेना के मरीज…. इटली से भी बुरे होते देश के हालात….41फीसदी बढ़ जाते देश में कोविड-19 के मरीज

Update: 2020-04-11 16:14 GMT

नयी दिल्ली 11 अप्रैल 2020। देश में वक्त पर लाकडाउन का निर्णय लिया गया, अगर थोड़ी भी देर होती तो इसके भयावह परिणाम सामने आते। एक सर्वेक्षण से इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर लॉकडाउन नहीं किया जाता तो संक्रमण की संख्या लाखों में होती। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो कोविड-19 के मामले 41 फीसद बढ़ जाते, फलस्वरूप 15 अप्रैल तक 8 लाख 20 हजार मामले सामने आते। देशभर में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के मामलों में 1035 की वृद्धि हुई और 40 मरीजों की मौत हो गयी।

देश में जानलेवा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का आज 18वां दिन है, लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अबतक 7529 संक्रमित मरीज हो चुके हैं. इनमें से 642 लोग ठीक हुए हैं, जबकि 242 लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1800 के पार पहुंच गया है. राज्य में अबतक सबसे ज्यादा 110 लोगों की मौत हुई है.

आईसीएमआर ने एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि अगर देश में लॉकडाउन नहीं किया गया होता हो यहां इटली से भी बुरे हालात होते। इस रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति में देश में 15 अप्रैल तक 8 लाख 20 हजार लोग संक्रमित होते। वहीं देश में संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिलता।

आईसीएमआर का यह अनुमान R0-2.5 () के सिद्धांत पर आधारित है। जिसके आधार पर कहा गया है कि भारत में हर संक्रमित व्यक्ति एक महीने में 406 लोगों में यह वायरस पहुंचा देता। वहीं, लॉकडाउन के बाद से एक संक्रमित व्यक्ति केवल 2.5 लोगों को ही संक्रमित कर पा रहा है।

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