लालू यादव को जेल पहुंचाने वाले पूर्व IAS बने PM मोदी के सलाहकार…शिक्षा नीति बनाने व डिजिटल मीडिया के बदलाव में निभा चुके हैं अहम भूमिका

Update: 2021-10-12 05:16 GMT

नई दिल्ली 12 अक्टूबर 2021। पूर्व केंद्रीय सचिव (HRD) व 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अमित खरे को मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है. खरे 30 सितंबर को सचिव (उच्च शिक्षा) के पद से रिटायर हुए थे. एक आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम के सलाहकार के रूप में अमित खरे की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.’ खरे को दो साल के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया है.

एक सरकारी आदेश में उनकी नियुक्ति की जानकारी दी गई है। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को पीएम मोदी का सलाहकार बनाए जाने को मंजूरी दी है। वह पीएमओ मं सलाहकार के तौर पर काम करेंगे। उनका रैंक और स्केल भारत सरकार के किसी अन्य सचिव के बराबर होगा। उनकी यह नौकरी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होगी। इसके अलावा पुनर्नियुक्ति को लेकर सरकार के सभी नियम उन पर लागू होंगे।

फिलहाल उन्हें दो साल या फिर अगले किसी आदेश तक के लिए नियुक्ति दी गई है। इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाहों में शुमार किया जाता रहा है। देश में इसी साल लागू की गई नई एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने में भी उनका अहम योगदान माना जाता रहा है। इसके अलावा डिजिटल मीडिया को लेकर नियम तय करने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया को लेकर नियमावली जारी की थी।

इसी साल पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा और सचिव रहे अमरजीत सिन्हा ने पीएमओ छोड़ा था। इसके बाद अब अमित खरे की पीएमओ में एंट्री हुई है। पीके सिन्हा और अमरजीत सिन्हा भी पीएम नरेंद्र मोदी के सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। अमित खरे को स्पष्टवादी फैसले लेने और पारदर्शिता के साथ काम करने के लिए जाना जाता रहा है। वह उन कुछ सचिवों में से एक हैं, जिन्होंने एक साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कामकाज को संभाला है। इससे समझा जा सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी उन पर किस हद तक भरोसा करते हैं।

बिहार-झारखंड कैडर के 1985-बैच के IAS अधिकारी खरे ने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग) के सचिव का पदभार ग्रहण किया था. उनकी नियुक्ति के कुछ ही समय के भीतर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई 2020 को अनुमोदित किया गया था. अमित खरे चारा घोटोला का पर्दाफाश करने वाले अधिकारी भी हैं. उन्होंने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था और कई नेता व अधिकारी नपे थे, जिसमें से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का भी नाम शामिल है.

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