पूर्व IAS को तीन साल की जेल …. कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में CBI कोर्ट ने सुनायी सजा…..दो अन्य अधिकारियों को भी जेल, जुर्माना भी लगाया

Update: 2021-01-06 01:07 GMT

नयी दिल्ली 6 जनवरी 2021। पूर्व IAS नारायण दिवाकर कोर्ट ने तीन साल जेल की सजा सुनायी है। ग्रुप हाउसिंग सोसायटी धोखाधड़ी केस में CBI ने पूर्व आईएएस नारायण दिवाकर सहित तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया था। इसी मामले में सीबीआई कोर्ट ने पूर्व आईएएस को तीन साल की जेल की सजा सुनायी है। नारायण दिवाकर 1986 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अफसर थे।

दिल्ली में सहकारी समिति के पूर्व रजिस्ट्रार रहे IAS नारायण दिवाकर और दो अन्य को ग्रुप हाउसिंग सोसायटी से संबंधित मामलों में से प्रत्येक में 20,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। अन्य दो आरोपियों की पहचान यूएस भटनागर और फ़ैज़ मोहम्मद कमल सिंह के रूप में की गई है।

ये था पूरा मामला

सुरेश चंद ने खुद को स्वर्णकार सहकारी समूह हाउसिंग सोसाइटी का सचिव होने का दावा करते हुए 8 अगस्त, 2003 को रजिस्ट्रार, कोऑपरेटिव सोसाइटी, दिल्ली के कार्यालय में एक आवेदन प्रस्तुत किया था। सोसायटी को 27 जुलाई, 1972 को पंजीकृत किया गया था और सहकारी समिति, दिल्ली के डिप्टी रजिस्ट्रार के एक आदेश के बाद 08 जनवरी, 1979 को परिसमाप्त किया गया था। आरोप है कि यूएस भटनागर नाम के अधिकारी ने 23 अक्टूबर, 2003 को सोसाइटी और उसके सदस्यों का कोई सत्यापन किए बिना गैर-मौजूद व्यक्ति सुरेश चंद को सोसाइटी के सेक्रेटरी के रूप में हस्ताक्षर करते हुए झूठी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। सीबीआई जांच के दौरान, यह पाया गया कि निजी व्यक्तियों सहित आरोपी अधिकारी भी साजिश में शामिल थे और रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटीज (आरसीएस) के कार्यालय को दस्तावेजों को जाली बनाकर ठग।

 

 

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