चर्चित IPS अफसर परमवीर सिंह समेत 32 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज, इंस्पेक्टर की शिकायत पर सरकार की चौंकाने वाली कार्रवाई

Update: 2021-04-29 01:32 GMT

मुंबई 29 अप्रैल 2021। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह पर एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जिसके आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी ( FIR) दर्ज की है। बुधवार देर रात सिंह के खिलाफ मुंबई पुलिस के ही एक इंस्पेक्टर बीआर घडगे की शिकायत पर एससी-एसटी ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। घडगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री और गृहंत्री को चिट्ठी लिख परमबीर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। अब इन आरोपों को लेकर परमबीर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। परबमीर सिंह के साथ ही 32 अन्य पुलिसकर्मियों पर भी एफआईआर की गई है।

अकोला पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात घडगे महार समुदाय से आते हैं, जो कि पिछड़ी जाति की श्रेणी में है। घडगे ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि उन्होंने साल 2013 में परमबीर सिंह के कुछ अवैध आदेशों को नहीं माना था। उन्होंने कहा कि सिंह उस समय कल्याण नगरपालिका मामले में परमबीर सिंह ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए दूसरों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा ताकि उन्हें परेशान किया जा सके। घडगे का आरोप है कि सिंह ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखते हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह, डीसीपी पराग मनेरे और 32 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विदर्भ के अकोला में दर्ज की गई है।अकोला की शहर कोतवाली पुलिस ने आपराधिक षड्यंत्र,साक्ष्यों को नष्ट करने संबंधी विभिन्न धाराओं तथा अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 की धाराओं के तहत पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि अकोला पुलिस ने कोतवाली थाने में जीरो एफआईआर (अपराध चाहे जिस इलाके में हुआ हो, लेकिन प्राथमिकी किसी भी पुलिस थाने में दर्ज करने का माध्यम) दर्ज की है और इसे ठाणे शहर की पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है।

एफआईर में अन्य पुलिसकर्मियों का भी नाम है, जो सिंह के कमिश्नर रहते हुए ठाणे पुलिस थाने में तैनात थे। मामले में 27 धाराएं लगाई गई हैं जिसमें एससी-एसटी ऐक्ट की कुछ धाराएं भी शामिल हैं। बता दें कि परमबीर सिंह को बीते महीने मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाया गया था। मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी गाड़ी मिलने और फिर पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद सिंह पर यह कार्रवाई की गई थी।

पुलिस निरीक्षक भीमराव घड़गे ने अपनी शिकायत में सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं। ये सभी आरोप उस वक्त के हैं, जब मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ठाणे पुलिस में तैनात थे। 2015 से 2018 के दौरान ठाणे पुलिस कमिश्नरी में तैनात रहे घड़गे ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यकाल के दौरान सिंह के नेतृत्व में काम करने वाले कई अधिकारी भ्रष्टाचार के कृत्यों में लिप्त रहे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंह ने कुछ लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र नहीं दाखिल करने को भी कहा था, जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज थी। अब अकोला पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात घड़गे ने यह भी आरोप लगाया है कि सिंह के निर्देशों को मानने से इनकार करने के बाद उनके खिलाफ पांच प्राथमिकियां दर्ज की गईं और उन्हें निलंबित कर दिया गया।

 

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