राममय छत्तीसगढ़: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में बना दो वर्ल्ड रिकार्ड, राममय हुआ छत्तीसगढ़...

Update: 2023-07-04 14:14 GMT

रायपुर 4 जुलाई 2023। रायगढ़ की पुण्य भूमि पर तीन दिनों तक चले राष्ट्रीय रामायण महोत्सव से ऐसा राम रंग बना कि पूरा छत्तीसगढ़ राममय हो गया। तीन दिनों तक 756 मिनट तक 17 दलों के 375 कलाकरों ने प्रभु श्रीराम के जीवन पर लोक-नृत्य, नाटकों का मंचन किया। साथ ही तीन दिनों तक 10 हजार लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में दो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज हुए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में हैं, हमारे जीवन में हैं। राम नाम का रस ही ऐसा है, जितना सुनिएगा, जितना मनन करिएगा, राम रस की प्यास उतनी बढ़ती जाती है। हमारे राम कौशल्या के राम, वनवासी राम, शबरी के राम, हमारे भांचा राम और हम सबके राम हैं। तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में रायगढ़ राममयगढ़ हो गया। इस महोत्सव में नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तीन दिनों तक पंडाल खचाखच भरा रहा। बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों से भी इस महोत्सव में शामिल होने के लिए मेहमान आए। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिससे भी मिले सभी दोहे और चौपाई गुनगुनाते मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया था, लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के रामायण दलों के आने से इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया। उन्होंने जूरी मेम्बरों के विचारों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा-हमने देश के विभिन्न हिस्सों में केवल भगवान श्रीराम के बाल्य-काल, रामलीला जैसे अध्यायों का मंचन देखा है। यह पहली बार है कि भगवान राम के अरण्यकाण्ड का मंचन देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहली बार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया, जो सफल रहा। इस आयोजन में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी लोगों को बधाई। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन अवसर पर सुप्रसिद्ध भजन गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर ने लोक गीतों की ऐसी प्रस्तुति दी कि मुख्यमंत्री और उनके साथ अन्य अतिथि अपनी जगह से उठकर झूमने लगे। भजन गायिका मैथिली ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के गीतों में गहरी रूचि रखते है, तो मिथला के लोक गीतों का उतना ही आदर करते है।

नदियों के संरक्षण के लिए बनेगा प्राधिकरण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन समारोह में कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ वनों से अच्छादित है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान इन्हीं जंगलों, नदियों और पहाड़ों के बीच से वन गमन किया। भगवान राम छत्तीसगढ़ के वनों, नदियों, पर्वतों को पार करते हुए आगे बढ़े। छत्तीसगढ़ वनाच्छादित प्रदेश है, जहां कल-कल बहती नदियां हैं, जिनके किनारे हमारी संस्कृति बसती है। हमने अपनी नदियों और प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया है। इन्द्रावती और अरपा नदी के संरक्षण के लिए प्राधिकरण गठित किए गए हैं। महानदी, शिवनाथ नदियों के साथ आज केलो की महाआरती की गई। उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें सब कुछ देती है, इसको बचाएं। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी नदियों के संरक्षण के लिए अलग से प्राधिकरण गठित किया जाएगा।

महोत्सव में बने दो वर्ल्ड रिकार्ड

राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में पहला वर्ल्ड रिकार्ड अरण्य कांड पर सबसे ज्यादा समय तक, तीन दिनों तक लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड का मंचन करने पर बना। छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों और दो विदेशी दलों के 17 दलों के 375 कलाकरों ने इसमें हिस्सा लिया। राज्य के संस्कृति विभाग को ‘मोस्ट स्टेज आर्टिस्ट परफार्मिंग ऑन अरण्यकाण्ड’ का रिकॉर्ड प्रदान किया गया। सबसे ज्यादा कलाकार और सबसे देर तक चलने वाले अरण्य कांड पर कार्यक्रम के लिए यह रिकार्ड बना। रायगढ़ जिला प्रशासन को भी 10 हजार से अधिक लोगों द्वारा सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए वर्ल्ड रिकार्ड प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन रायगढ़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

पुरस्कृत हुए विजेता दल

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान अरण्यकाण्ड पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कर्नाटक के दल को प्राप्त हुआ। दल प्रमुख को स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और 5 लाख रूपए की राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार असम के दल को मिला उन्हें तीन लाख रूपए की पुरस्कार राशि का चेक तथा स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और तृतीय पुरस्कार झारखंड के दल को प्रदान किया गया, उन्हें दो लाख रूपए की राशि के चेक के साथ स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति प्रदान किया गया। रायगढ़ नगर निगम महापौर जानकी काटजू ने मुख्यमंत्री को गदा भेंट किया। समापन समारोह में कंबोडिया, इंडोनेशिया सहित सभी राज्यों तथा जूरी मेम्बरों को सम्मानित किया गया।

केलो मैय्या की हुई महाआरती

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ में केलो मैय्या की महाआरती कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने गौ माता को चारा खिलाकर गोधन समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोबर से बने रंग-बिरंगे दिए से दीपदान किया। जगमग दीप के साथ केलो मैय्या की महाआरती की भव्यता ने बनारस के गंगा घाट की याद दिला दी। ऐसा लग रहा था मानो गंगा मैय्या साक्षात् रायगढ़ की धरती पर उतर कर लोगों को भक्ति रस से सराबोर कर रही हो। इस अवसर पर केलो मैय्या के जयकारे के साथ पूरा घाट गुंजायमान हो गया और महौल भक्तिमय हुआ।

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