Parivartini Ekadashi 2024 : आज शैय्या में करवट लेंगे "श्री हरी"... वामन स्वरूप की होती है पूजा, दोल ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है इस पर्व को

Parivartini Ekadashi 2024 : आज परिवर्तिनी एकादशी व्रत है। मध्य प्रदेश में इसे दोल ग्यारस के नाम से जाना जाता है। कहते हैं इस दिन भगवान श्री विष्णु शयन शैय्या पर सोते हुए करवट लेते हैं, इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं।

Update: 2024-09-13 18:13 GMT

Parivartini Ekadashi: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। आज परिवर्तिनी एकादशी व्रत है। मध्य प्रदेश में इसे दोल ग्यारस के नाम से जाना जाता है। कहते हैं इस दिन भगवान श्री विष्णु शयन शैय्या पर सोते हुए करवट लेते हैं, इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान श्री विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है। 

इस दिन अलग-अलग सात अनाजों से मिट्टी के बर्तन भरकर रखने और अगले दिन उन्हीं बर्तनों को अनाज समेत दान करने का विधान है।

इसके अलावा आज के दिन उन सात अनाजों- गेहूँ, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर को न खाने की भी बात कही गई है।  इस दिन ऐसा करने से दूसरे लोगों के बीच आपका वर्चस्व कायम होगा और आपके सुख सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।




 आज भगवान विष्णु के निमित्त कुछ खास उपाय करके आप लाभ भी उठा सकते हैं। तो वो कौन-से उपाय हैं, जिन्हें करके आप कुछ भी पाने की क्षमता हासिल कर सकते हैं 

  • अगर आप अपनी पारिवारिक समस्याएं दूर करना चहाते है तो एकादशी के दिन आप विष्णु पूजा के समय एक मिट्टी के बर्तन पर हल्दी का टीका लगाकर, उसमें मूंग भरकर रखिये और एकादशी पूरा दिन उसे वहीं पर रखा रहने दीजिये। अगले दिन उस मूंग से भरे बर्तन को किसी सुपात्र ब्राह्मण को दान कर दीजिये.

  • अगर आप अपना पराक्रम बढ़ाना चहाते है तो एकादशी के दिन आप श्री विष्णु पूजा के समय भगवान को केसर का तिलक लगाइए। फिर उनके वामन स्वरूप के मंत्र का 11 बार जप कीजिये। मंत्र इस प्रकार है-'ऊँ नमो भगवते वामनाय।'
  • अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ आपने रिश्ते बेहतर बनाना चाहते है तो एकादशी के दिन आप तुलसी के पौधे में थोड़ा दूध अर्पित करें और दोनों हाथ जोड़कर तुलसी के पौधे को प्रणाम करें।
  • अगर आप शुभ फल और सुख-सौभाग्य की बढ़ोतरी चाहते है तो एकादशी के दिन स्नान आदि के बाद भगवान श्री विष्णु की विधि-पूर्वक धूप-दीप आदि से पूजा करके विष्णु गायत्री मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है-'ऊँ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।'
  • अगर आप अपने सभी कामों में सफलता पाना चहाते है तो एकादशी के दिन आप स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की विधि-पूर्वक पूजा-अर्चना करें। फिर केले के पेड़ के पास जाकर उसको प्रणाम करें और उसकी जड़ में पानी डालें।
  • अगर आप आपना दाम्पत्य जीवन सुखद बनाना चाहते है तो एकादशी के दिन अच्छे फलों की प्राप्ति के लिये आप भगवान विष्णु को माखन, मिश्री का भोग लगाएं और भोग लगाने के बाद श्री विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के आगे बैठकर इस मंत्र का एक माला, यानि 108 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है-'ऊँ नमो भगवते नारायणाय।
  • अगर आप समाज में आना वर्चस्व कायम रखना चहाते है तो एकादशी श्री विष्णु पूजा के समय एक मिट्टी के बर्तन में गेहूं भरकर भगवान के सामने रखिये और पूजा के बाद भी एकादशी पूरा दिन उसे वहीं रखा रहने दीजिये। कल के दिन उस बर्तन में रखे गेहूं पर कुछ दक्षिणा रखकर, उसे ढक्कर, किसी ब्राह्मण के घर आदर सहित दे आइये।
  • अगर आप व्यापार में पैसे कमाना चहाते है तो एकादशी के दिन नहा धोकर, साफ कपड़े पहनकर श्री विष्णु जी के सामने घी का दीपक जलाएं। साथ ही भगवान को लड्डू का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद बचे हुए लड्डूओं को प्रसाद के रूप में छोटे बच्चों में बांट दें और स्वयं भी थोड़ा प्रसाद ग्रहण करें।
  • अगर आप चाहते है की आपके और आपके बच्चे के ऊपर श्री हरि की कृपा बनी रहे तो एकादशी के दिन श्री हरि का नाम लेते हुए एक साबुत हल्दी की गांठ लेकर, उसे पानी की सहायता से पीस लें और उससे अपने और अपने बच्चे के माथे पर टीका लगाएं।
  • अगर आप चाहते है कि आपके जीवन में खूब उन्नति हो तो एकादशी के दिन श्री विष्णु के निमित्त व्रत करके, उनके सामने चन्दन की खुशबू वाली धूपबत्ती जलाएं और उन्हें पिसी हुई शक्कर मिले दही का भोग लगाएं। साथ ही एकादशी के अगले दिन, यानि कल के दिन मिट्टी के बर्तन में चावल भरकर किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
  • अगर आप आपनी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत करना चहाते है तो एकादशी के दिन जौ की रोटी पर थोड़ा मीठा दही रखकर गाय को खिलाएं। अगर जौ न मिले तो गेहूं के आटे की रोटी पर थोड़ा मीठा दही रखकर भी गाय को खिला सकते हैं।
  • अगर आप आपने बिजनेस की अच्छी ग्रोथ चाहते है तो एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। साथ ही किसी ब्राह्मण को उड़द या चने की दाल दान करें।
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