Hanuman Jayanti : क्या आप जानते हैं क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी को चोला ? जानिए चोला चढ़ाने की विधि व लाभ

हनुमानजी को चोला अत्यंत प्रिय है। यदि मंगलवार को हनुमानजी पर चोला चढ़ाया जाता है तो कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और आरोग्य मिलता है वहीं यदि शनिवार के दिन चढ़ाया जाए तो शनि साढ़ेसाती, ढैया के प्रभाव धीरे धीरे कम हो जाते हैं, जीवन के दुःख मिटते हैं।

Update: 2024-04-23 07:13 GMT

आज हनुमान जयंती है। आज के दिन भगवान राम के भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार हनुमान जयंती मंगलवार को मनाया जा रहा है  और मंगलवार हनुमान जी का विशेष दिन है. भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार माने जाने वाले श्रीराम भक्त हनुमानजी के दर्शन मात्र से ही जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

हनुमानजी को चोला अत्यंत प्रिय है। यदि मंगलवार को हनुमानजी पर चोला चढ़ाया जाता है तो कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और आरोग्य मिलता है वहीं यदि शनिवार के दिन चढ़ाया जाए तो शनि साढ़ेसाती, ढैया के प्रभाव धीरे धीरे कम हो जाते हैं, जीवन के दुःख मिटते हैं। पर क्या आप जानते हैं की आखिर हनुमानजी चोला या सिन्दूर चढ़ाने से इतने प्रसन्न क्यों होते हैं।



ये है रामायण की कथा

कथा के अनुसार त्रेतायुग में एक बार हनुमानजी ने माता सीता को मांग में सिंदूर भरते हुए देखा तो उनसे इसका कारण पूछा। सीताजी ने हनुमानजी से कहा कि ये आपके प्रभु श्री राम की लंबी आयु के लिए है और इससे वे प्रसन्न भी होंगे। ऐसा सुनकर हनुमान जी ने सोचा चुटकी भर सिंदूर से प्रभु श्रीराम इतने प्रसन्न होते हैं तो अगर में अपने पूरे शरीर पर इसे धारण कर लूं तो मेरे प्रभु हमेशा मुझसे प्रसन्न रहेंगे। मन में ये विचार कर उन्होंने सिंदूर को अपने पूरे शरीर पर लगा लिया। जब भगवान राम ने उन्हें देखा तो मुस्कराने लगे और बोले हनुमान ये क्या कर लिया। हनुमान जी बोले प्रभु ये आपकी लंबी आयु के लिए है। उनकी ऐसी भक्ति देख भगवान राम बहुत प्रसन्न हुए और कहा कि आज से जो भी तुम्हें सिंदूर चढ़ाएगा उसके सारे कष्ट दूर होंगे एवं उस भक्त पर सदैव मेरी भी कृपा रहेगी।

चोला चढ़ाने के नियम

  • हनुमानजी को चोला सिर्फ और सिर्फ मंगलवार या शनिवार के दिन चढ़ाने सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद हनुमानजी की प्रतिमा पर गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर सबसे पहले हनुमानजी के चरणों में लगाएं और फिर प्रतिमा पर ऊपर से लेकर पैरों तक उन्हें चोला चढ़ाएं।
  • चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी पर चांदी की वर्क, जनेऊ और साफ वस्त्र चढ़ाएं। अब 21 या फिर 11 पीपल के पत्तों पर सिंदूर से श्रीराम लिखकर हनुमानजी को अर्पित कर दें।
  • हनुमानजी को चने, गुड़, मिठाई पान सुपारी चढ़ाएं और फिर धूप जीप लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • इसके बाद हनुमानजी की आरती करें और हनुमानजी के चरणों में थोड़ा सा सिंदूर लेकर मस्तिष्क पर लगा लें। कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति के तमाम कष्ट दूर होते हैं।


हनुमान जी को चोला चढ़ाने का लाभ

मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को घी या चमेली के तेल के साथ सिंदूर अर्पित करने से भगवान राम की विशेष कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति के बिगड़े काम बनने लगते हैं। मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिंदूर से हनुमानजी की पूजा करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का मंगल दोष भी दूर होता है। कहते हैं सिंदूर के साथ चमेली का तेल चढ़ाने से व्यक्ति की एकाग्रता बनी रहती है। साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। शनिवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

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