Budhva Mangal 2024 : ज्येष्ठ माह में पहला "बुढ़वा मंगल" आज , जानें हनुमान जी के किस रूप को होती है पूजा

ज्येष्ठ महीने के प्रत्येक मंगल को बुढ़वा मंगल (बड़ा मंगल) कहा जाता है। ज्येष्ठ माह के मंगल को बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख कष्ट दूर होते हैं, और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

Update: 2024-05-27 10:03 GMT

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है। इस महीने में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने के प्रत्येक मंगल को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल कहा जाता है। ज्येष्ठ माह के मंगल को बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख कष्ट दूर होते हैं, और घर में सुख समृद्धि का वास होता है। व्यक्ति पर विशेष कृपा होती है। आइए जानते हैं  पूजा विधि, तिथि और महत्व।


कब कब पड़ेंगे बुढ़वा मंगल

ज्येष्ठ माह में पहला बुढ़वा मंगल 28 मई, दूसरा मंगल 4 जून , तीसरा मंगल 11 जून और चौथा बड़ा मंगल 18 जून को पड़ेगा।



यह है बड़े मंगल का महत्व

ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगल का विशेष महत्व है। इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंगबाण का पाठ करने और सुंदरकांड को पढ़ने से भक्तों को हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आपकी कोई मनोकामना अधूरी है तो बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी के मंदिर में चोला चढ़ाने से आपकी सारी अधूरी इच्छाएं पूर्ण होंगी और आपको पुण्य की प्राप्ति होगी।

क्यों होती है बूढ़े हनुमान जी की आराधना?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बुढ़वा मंगल महाभारत काल और रामायण काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। महाभारत काल की कथा के अनुसार भीम को अपनी शक्तियों का काफी घमंड हो गया था। भीम का घमंड चूर-चूर करने के लिए हनुमानजी ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण किया और भीम को हरा दिया। तभी से इस दिन को बूढ़ा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा।


बड़ा मंगल का धार्मिक महत्व

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। इसी वजह से इस महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन की महिमा भी बहुत बड़ी है, माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। दुनिया भर में हनुमान भक्तों के द्वारा इस दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

बड़ा मंगल के दिन हनुमान पूजा के लाभ

अगर बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं तो उनके बुद्धि, ज्ञान और बल में वृद्धि होती है। क्योंकि इस दिन ही हनुमान जी भगवान राम से मिले थे इसलिए हनुमान जी की पूजा के साथ ही श्रीराम का ध्यान या नाम जप भी इस दिन आपको करना चाहिए। इस दिन हनुमान चालीसा के पाठ से भय से मुक्ति आपको मिलती है और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। जो लोग माया-मोह के बंधनों से ऊपर उठना चाहते हैं उनको भी हनुमान जी की पूजा से आध्यात्मिक उत्थान मिलता है। 

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