Solah Shringar In Sawan : सावन का महीना और "सोलह श्रृंगार"

Solah Shringar In Sawan : सावन में सोलह श्रृंगार करना महिलाओं में सौभाग्य और सुहाग की निशानी के रूप में भी माना जाता है. ऐसा करने से महिलाओं का सौंदर्य और आत्मविश्वास भी बढ़ता है.

Update: 2024-07-22 11:11 GMT

Solah Shringar In Sawan : आज से सावन का महीना शुरू हो रहा है जो 19 अगस्‍त तक चलेगा. सावन के महीने में विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार (solah shringar) कराती हैं . मान्‍यता है कि सोलह श्रृंगार कर पूजा-पाठ करने से मां पार्वती और शिव प्रसन्‍न होते हैं और आर्शीवाद देते हैं.

यही नहीं, सावन में सोलह श्रृंगार करना महिलाओं में सौभाग्य और सुहाग की निशानी के रूप में भी माना जाता है. ऐसा करने से महिलाओं का सौंदर्य और आत्मविश्वास भी बढ़ता है. यही वजह है‍ कि सावन के महीने में भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व है.

सोलह श्रृंगार में क्‍या क्‍या चीजें पहनती हैं महिलाएं-



सिंदूर

सुहागन महिलाओं का सबसे बड़ा श्रृंगार सिंदूर माना जाता है. इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और शादीशुदा औरतें अपने पति की लंबी आयु के लिए अपनी मांग में बीचो-बीच सिंदूर लगाती हैं.

मांगटीका

कहते हैं कि सिंदूर को नजर न लगे इसलिए इसे ढंकने के लिए मांग टीका पहना जाता है. इसे भी सिहागन महिलाएं सजने के लिए पहनती हैं. माना जाता है कि मांग टीका की तरह उनकी शादी शुदा जिंदगी हमेशा सीधी दिशा में चलती है.


बिंदी

बिंदी या कुमकुम को माथे पर दोनों भौहों की बीच में लगाया जाता है. सुहागिन महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के लिए इसे सिर पर लगाती हैं.

काजल

बुरी नजर से बचाने के लिए काला काजल लगाया जाता है. यह आंखों का श्रृंगार भी है. सोलह श्रृंगार में काजल का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है.




नथ

नाक में पहना जाने वाला गहना है नथ, जिसके बारे में मान्‍यता है कि सुहागन महिलाओं को छोटा या बड़ा नथ जरूर पहनना चाहिए क्‍योंकि यह सौभाग्‍य का प्रतीक है.

गजरा

दक्षिण भारत में महिलाएं नियमित रूप से अपने बालों पर गजरा लगाती हैं. इसे भी सौभाग्‍य का प्रतीक माना जाता है और यह सोलह श्रृंगार का हिस्‍सा है.

गले का हार

सोलह सिंगार में गले के हार को भी गिना जाता है. इसके लिए महिलाएं गले में चेन, मंगलसूत्र या कोई पतला सा हार पहनती हैं. मंगलसूत्र को पति के प्रति सुहागन की वचनबद्धता का प्रतीक माना जाता है.

बाजूबंद

सोलह सिंगार में अगला स्थान बाजूबंद का आता है. इन दिनों बाजार में तरह-तरह के डिजाइन वाले बाजूबंद मिल रहे हैं जिसमें मॉडर्न और ट्रेडिशनल, आप किसी को भी अपने श्रृंगार का हिस्‍सा बना सकती हैं.

चूड़ियां

सावन के महीने में हाथों में लाल या हरी चूड़ियां पहनना सौभाग्य का प्रतीक है. मान्‍यता है कि लाल चूड़ियां खुशी और संतुष्टि का प्रतीक हैं जबकि हरी चूड़ियां सुख और समृद्धि का प्रतीक. सावन के हरी चूड़ियां महिलाएं अधिक पहनती हैं.

मेहंदी

सावन के महीने में मेहंदी लगाने का खास महत्‍व है. खासतौर पर विवाहित महिलाएं सावन में मेहंदी जरूर लगवाती हैं जो सुहाग का प्रतीक माना जाता है.

अंगूठी

अंगूठियां पति-पत्नी के आपसी प्यार और विश्वास की प्रतीक है. यही वजह है कि अंगूठी भी सोलह श्रृंगार में जरूर पहना जाता है.

कमरबंद

कमरबंद, जिसे कमर में पहना जाता है, सोलह श्रृंगार में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. आप सावन के महीने में चांदी का कमरबंद पहन सकती हैं. यह शादी के बाद अपने घर की मालकिन होने का भी प्रतीक है.

बिछिया

पैरों की उंगलियों में पहने जाने वाला गहना बिछिया सुहागन महिलाएं ही धारण करती हैं. शादी के समय इसे महिलाओं को पहनाया जाता है जिसे पूरी उम्र सुहागन महिलाएं अपने पैरों की बीच की तीन उंगलियों में पहनती हैं.

पायल

पायल भी सौभाग्य का प्रतीक है जिसे विवाहित स्त्रियां अपने पैरों में पहन कर रखती हैं. इसकी छन-छन आवाज घर आंगन में खुशियां लाती हैं.

लाल आलता

सावन में सुहागन महिलाएं पैरों में लाल आलता लगाती हैं जो दरअसल सोलह श्रृंगार का हिस्सा भी है.


कर्णफूल

कर्णफूल यानी कान का गहना. सोलह श्रृंगार में इसे भी शामिल किया गया है.

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