Sadak aur marg me kya antar hota hai: सड़क और मार्ग में अंतर, क्या आपको भी लगता है कि सड़क और मार्ग दोनों शब्द एक ही है? तो आप बिल्कुल गलत है!

Sadak aur marg me kya antar hota hai: जब भी हमें घर से बाहर कहीं बाजार, ऑफिस या किसी से मिलने जाना होता है तो हम सड़क और मार्ग जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर लेते हैं। हमेशा से अधिकतर लोगों को यह लगता रहा है कि सड़क और मार्ग एक ही है और कई बार बोलते वक्त दोनों को बदलकर भी बोल देते है। लेकिन इन दोनों शब्द के पीछे अलग-अलग अर्थ छिपा हुआ है।

Update: 2025-12-19 12:22 GMT

Sadak aur marg me kya antar hota hai: जब भी हमें घर से बाहर कहीं बाजार, ऑफिस या किसी से मिलने जाना होता है तो हम सड़क और मार्ग जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर लेते हैं। हमेशा से अधिकतर लोगों को यह लगता रहा है कि सड़क और मार्ग एक ही है और कई बार बोलते वक्त दोनों को बदलकर भी बोल देते है। लेकिन इन दोनों शब्द के पीछे अलग-अलग अर्थ छिपा हुआ है। जब हम किसी जगह पहुँचने की बात करते हैं तो कभी कहते हैं ‘इस सड़क से चले जाना’ और कभी ’इस मार्ग से जाओ’ ये दोनों वाक्य समान नहीं है। बल्कि इन दोनों वाक्यों में अलग अलग रास्तों के बारे में बात हो रही है। आइए समझते है सड़क और मार्ग के बीच क्या अंतर होता है और इनका उपयोग किस प्रकार करना चाहिए!

सड़क क्या होती है?

सड़क एक ऐसा पक्का रास्ता होता है, जिसे वाहनों के रेगुलर आने जाने के लिए बनाया जाता है। इनका निर्माण डामर, कंक्रीट या अन्य मजबूत सामग्री से किया जाता है ताकि भारी वाहन आसानी से चल सके और इसका नियमित रूप से रखरखाव भी होता है। यह दो स्थानों को आपस में जोड़ती है और लोगों, वाहनो व सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती है। सड़कें आमतौर पर लंबी होती हैं और इनके दोनों ओर घर या दुकानें हो, यह जरूरी नहीं है। जब हम लंबी दूरी की यात्रा करते हैं तो सड़क ही हमारा प्रमुख माध्यम होता है। नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे सड़क के प्रमुख उदाहरण हैं।

मार्ग/स्ट्रीट/गली क्या होती है?

मार्ग की बात करें तो यह किसी शहरी क्षेत्र, मोहल्ले या बस्ती के भीतर होते हैं। यह सड़क की तुलना में छोटा होता है और मार्ग की सबसे बड़ी पहचान यह है कि इसके दोनों ओर इमारतें, घर, दुकानें या पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बने होते हैं। मार्ग केवल आने–जाने के लिए ही नहीं बने है, बल्कि लोगों से मिलने और व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी उपयोग होते हैं। मार्ग पर वाहनों की रफ्तार सड़कों की तुलना में कम रहती है, क्योंकि यहां पैदल चलने वालों की आवाजाही अधिक है। मार्ग कई प्रकार के हो सकते है–

• एवेन्यू– ऐसा शहरी मार्ग जिसके दोनों ओर पेड़ लगे होते हैं और यह चौड़ा व सीधा होता है।

• बुलेवार्ड– यह एवेन्यू से अधिक चौड़ा मार्ग होता है, जिसके बीच में डिवाइडर और हरियाली होती है।

• पाथ– यह पैदल यात्रियों के लिए बनाया गया संकरा रास्ता है, जो पार्क या छोटे क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है।

भारत के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का काफी बड़ा जाल फैला हुआ है। भारत के सबसे लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग की बात करें तो वह है NH 44, जो श्रीनगर से कन्याकुमारी तक जाता है और लगभग 3745 किमी लंबा है। फिर इसके बाद दूसरे स्थान पर NH 27 आता है जो गुजरात के पोरबंदर से असम के सिलचर तक फैला है। इसकी लंबाई कुल 3507 किमी है। इसके अलावा NH 327B को सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग माना जाता है, जिसकी लंबाई बहुत कम(1.2km) है और यह भारत को नेपाल से जोड़ता है।

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