Lok Sabha elections Vs Marriage: सरकारी शादियों पर पड़ा लोकसभा चुनाव का असर, आचार संहिता बन रहा शादी कार्यक्रम में बड़ा रोड़ा

यह अड़चन सिर्फ सरकारी योजना के तहत सात जन्मों के बंधन में गठजोड़ करने के ख्वाहिशमंद जोड़ों के लिए ही है, क्योंकि लोकसभा चुनाव की जारी आचार संहिता इस होने वाली शादी के कार्यक्रम में बड़ा रोड़ा बन चुकी है.

Update: 2024-04-27 09:53 GMT

लोकसभा चुनाव के चलते  सार्वजनिक शादी की इच्छा रखने वाले जोड़ों को सात फेरों के लिए लोकसभा परिणाम का इंतजार करना होगा।

यह अड़चन सिर्फ सरकारी योजना के तहत सात जन्मों के बंधन में गठजोड़ करने के ख्वाहिशमंद जोड़ों के लिए ही है, क्योंकि लोकसभा चुनाव की जारी आचार संहिता इस होने वाली शादी के कार्यक्रम में बड़ा रोड़ा बन चुकी है।

अक्षय तृतीया  अक्ति के विवाह के सुसंयोग में मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना के तहत शादियां होती आईं हैं, लेकिन इस मर्तबा लोकसभा चुनाव नियमों के कारण कोई भी सरकारी आयोजन पर बंदिश है।



मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को बढ़ाकर अब 50,000 रुपए कर दिया गया है। इस योजना के तहत प्रत्येक कन्या को विवाह के अवसर पर 21,000 रुपए की राशि बैंक खाते या बैंक ड्राफ्ट के रूप में प्रदान की जाएगी। इसके अलावा 15,000 रुपए की राशि की विवाहित जोड़े को उपहार सामग्री की भेंट की जाएगी। 


मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के माध्यम से राज्य के कई निर्धन परिवारों का सम्मान पूर्वक रूप से अपनी बेटियों के विवाह करने का सपना पूरा हो सकेगा।


राशि का विवरण आर्थिक सहायता

वर वधु के श्रृंगार सामग्री के लिए ₹5000

अन्य उपहार सामग्री के लिए ₹14000

वधु को बैंक ड्राफ्ट के रूप में ₹1000

सामूहिक विवाह आयोजन पर प्रति कन्या राशि ₹५०००


महिला एवं बाल विकास विभाग नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही तैयारी में जुट जाता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. वर-वधू के आधार कार्ड और राशन कार्ड की फोटो कॉपी, उनकी फोटो और जन्म प्रमाण पत्र के साथ एप्लीकेशन पत्र भरवाते हैं. परियोजना कार्यालय में आवेदन जमा होने के बाद मुर्हूत को ध्यान में रखकर डेट तय की जाती है.कुछ आवेदन इस बार भी भरे जा चुके हैं. मगर आचार संहिता में शादी नहीं हो सकती इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आवेदनों को परियोजना कार्यालय में जमा नहीं किया है.

अगर आचार संहिता नहीं होती तो, 18 से लेकर 26 अप्रैल तक या 28 अप्रैल के मुहूर्त में शादी हो सकती थी. क्योंकि फिर कोई मुहूर्त जल्दी नहीं है. इसके बाद जुलाई में 9 से 17 तारीख तक है. शहरी क्षेत्र में नवंबर और दिसंबर में शादी इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि उस दौरान निकाय क्षेत्र के चुनाव के चलते आचार संहिता लगी रहेगी.



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