Bhadesar Ajgar Gaon: इस गांव के पेड़ में है अजगरों का डेरा, पूजा करने से होती है धन की प्राप्ति, जानिए क्या है इस पेड़ का रहस्य..
Bhadesar Ajgar ka Gaon: छत्तीसगढ़ में एक ऐसा भी गांव स्थित है जहां लोग सांपों के साथ काफी घुलमिल कर रहते हैं। जांजगीर चांपा जिले में बसा इस गांव का नाम है – भड़ेसर। आइए जानते हैं रहस्य.
Bhadesar Ajgar ka Gaon: छत्तीसगढ़ में एक ऐसा भी गांव स्थित है जहां लोग सांपों के साथ काफी घुलमिल कर रहते हैं। यह स्थान छत्तीसगढ़ के संस्कृति और प्राकृतिक जीवन के अद्भुत संगम को दर्शाता है। जांजगीर चांपा जिले में बसा इस गांव का नाम है – भड़ेसर। जिले से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह काफी अनोखा गांव है। यहां स्थित एक पीपल पेड़ में अजगर सांपों का पूरा बसेरा पाया जाता है, लोग इन अजगर सांपों को भगाने के बजाय उनकी पूजा करते हैं और उनके साथ मानवीय व्यवहार रखते हैं।
अद्भुत पीपल पेड़ का रहस्य
इस गांव के एक व्यक्ति महात्मा राम पांडे के घर में स्थित एक पीपल पेड़ काफी अनोखा है। इस पीपल पेड़ में लगभग 150–200 अजगर सांप निवास करते हैं। इन अजगरों में कई मादा और उनके बच्चे भी शामिल हैं। यह पेड़ अंदर से पूरी तरह से खोखला है जो की अजगरों के निवास के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। इस वृक्ष को लगभग 200 साल पुराना बताया जाता है।
यहां अजगरों को ठंड और बारिश के समय में बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। इन सांपों को ग्रामीण ‘धनगोड़ा’ यानी "धन का देवता" मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। गांव में यदि कहीं अजगर सांप दिखाई देता है तो लोग सांपों को इस पेड़ में छोड़ देते हैं। यह गांव न केवल जैव विविधता का प्रतीक है बल्कि छत्तीसगढ़ की लोक मान्यताओं का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
अजगर सांप: किसी को नहीं पहुंचाते नुकसान
यहां के सांप भारतीय रॉक पायथन प्रजाति के हैं, जो गैर-विषैले होते हैं, लेकिन अपनी विशालता के कारण काफी डरावने दिखते हैं। कुछ अजगर 10 से 20 फीट तक लंबे होते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि ये सांप गांव की रक्षा करते हैं और कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। आश्चर्य की बात तो तब होती है जब इस गांव के छोटे-छोटे बच्चे इस विशाल अजगर सांपों से भरे पीपल पेड़ में बिना भय के चढ़ जाते है और सांप भी इन्हें खतरा नहीं मानते।
पेड़ के आसपास कई जानवर जैसे बिल्ली, गिलहरियां आदि घूमती रहती हैं जिन्हें भी यह अजगर अपना शिकार नहीं बनाते। ये पूरी तरह से सामाजिक जीवन में घुल मिल गए हैं। इस पेड़ में कई छोटे-छोटे सुराख बने हुए हैं जो इन सांपों के अंदर और बाहर जाने का मार्ग है। यह अनोखा दृश्य गांव को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है।